कूपन नहीं बंटने के कारण वार्ड 22 के करीब डेढ़ हजार लोग प्रभावित हैं। उन्हें चार महीने से राशन नहीं मिल पाया है। डीलर लाभार्थियों को कूपन नहीं होने पर राशन नहीं दे रहे हैं। जबकि यहां कूपन एक कार्टन में बंद पड़ा है। जहां तक वितरण पंजी की बात है, तो उपभोक्ता विभाग वितरण पंजी नगर निगम को भेजने की बात कह रहा है, जबकि नगर निगम इस बात से इनकार कर रहा है। दोनों विभाग के बीच गरीब पिस रहा है। पार्षदों की मानें तो राशन का वितरण नहीं होने के कारण इसका सीधा फायदा डीलरों को हो रहा है। वे अपनी मनमानी कर रहे हैं। पहले जहां डीलरों द्वारा कूपन जमा करने के बाद उसके हिसाब से गोदाम से अनाज का उठाव होता था, वहीं अब इसकी अनिवार्यता खत्म कर दी गई। अब डीलर बिना कूपन जमा किए अनाज का उठाव कर लेते हैं, जिसे बाद में लाभार्थी को दिया जाता है। इससे हजारो लोग परेशान हैं.
पहले कूपन जमा करने के बाद डीलर अनाज उठाता था। इसकी बाध्यता खत्म होने की बाद लाभार्थियों को अनाज देने की बात कह कर उसे खुले बाजार में बेचा जाता है.
- पिंकी कुमारी, पार्षद
कूपन आने के बाद भी मेरे वार्ड में अब तक इसका वितरण नहीं हो पाया है। यह कार्टन में बंद है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.
कूपन नहीं बंटने के कारण वार्ड 22 के करीब डेढ़ हजार लोग प्रभावित हैं। उन्हें चार महीने से राशन नहीं मिल पाया है। डीलर लाभार्थियों को कूपन नहीं होने पर राशन नहीं दे रहे हैं। जबकि यहां कूपन एक कार्टन में बंद पड़ा है। जहां तक वितरण पंजी की बात है, तो उपभोक्ता विभाग वितरण पंजी नगर निगम को भेजने की बात कह रहा है, जबकि नगर निगम इस बात से इनकार कर रहा है। दोनों विभाग के बीच गरीब पिस रहा है। पार्षदों की मानें तो राशन का वितरण नहीं होने के कारण इसका सीधा फायदा डीलरों को हो रहा है। वे अपनी मनमानी कर रहे हैं। पहले जहां डीलरों द्वारा कूपन जमा करने के बाद उसके हिसाब से गोदाम से अनाज का उठाव होता था, वहीं अब इसकी अनिवार्यता खत्म कर दी गई। अब डीलर बिना कूपन जमा किए अनाज का उठाव कर लेते हैं, जिसे बाद में लाभार्थी को दिया जाता है। इससे हजारो लोग परेशान हैं।
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