- गैंग का लीडर इलाहाबाद जेल में है बंद, जेल से ही लोगों को बनाता था शिकार

- दो आरोपी गिरफ्तार, तीन की तलाश जारी, एक आरोपी के घर से मिली कार

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LUCKNOW : उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का अधिकारी बन एक डाक्यूमेंट्री फिल्म के साथ कंबल, चादर व तौलिया सप्लाई का फर्जी टेंडर निकाल कर लोगों से ठगी करने वाले गैंग के दो सदस्यों को गोमतीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गैंग का मुख्य सरगना इलाहाबाद जेल में बंद है। वह जेल से ही लोगों को फोन कर अपने जाल में फंसाता था। गैंग के तीन आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस ने कानपुर स्थित एक आरोपी के घर से कार भी बरामद की है।

फर्जी टेंडर जारी कर दिया
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि कुछ समय पहले पर्यटन विभाग के नोडल अधिकारी बन राजवीर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने पहले कंबल, चादर और तौलिया सप्लाई का फर्जी टेंडर जारी किया। इसके कुछ दिन बाद उसने पर्यटन विभाग द्वारा एक डाक्यूमेंट्री के प्रबंधन और निर्देशन से संबंधित टेंडर जारी कर दिया। इन दोनों टेंडर के जारी होने के बाद लोग इसके आवेदन के लिए पर्यटन विभाग पहुंचने लगे, जिसके बाद विभाग को मामले की जानकारी हुई।

36 लाख रुपये की थी ठगी
मामले की जानकारी होने पर पर्यटन विभाग में तैनात प्रबंधक अक्षय नागर ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट गोमतीनगर थाने में दर्ज कराई। वहीं जालसाज गिरोह ने मुंबई निवासी एक फिल्म स्टूडियो मालिक से भी पर्यटन विभाग की 9 डाक्यूमेंट्री फिल्म बनवाने के नाम पर 36 लाख ठगे। इस मामले में भी पीडि़त मुंबई निवासी संतोष उपाध्याय ने गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

इलाहाबाद जेल में बंद है सरगाना
छानबीन में पुलिस को इस बात का पता चला कि इस गैंग का मुख्य सरगना प्रतापगढ़ जनपद निवासी मनोज तिवारी है जो मौजूदा समय में इलाहाबाद जेल में बंद है। जेल में ही उसके गैंग के लोग उसको मोबाइल फोन व सिमकार्ड पहुंचते थे। इसके बाद आरोपी मनोज लोगों से सम्पर्क कर पर्यटन विभाग के टेंडर के बारे में बातचीत करता था। शिकार के जाल में फंस जाने के बाद मनोज का भाई अनुज तिवारी, साथी इलाहाबाद निवासी उमाशंकर, आलोक मिश्र, गौरव उपाध्याय और प्रतापगढ़ निवासी राजेन्द्र प्रसाद टेंडर के नाम पर रुपये वसूलते थे।

दो आरोपी पकड़े गए
मामले में सर्विलांस की मदद से रविवार को गोमतीनगर पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोज तिवारी के भाई अनुज और उसके साथी राजेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस ने उमाशंकर के कानपुर शारदानगर स्थित किराये के घर से एक टाटा कार भी बरामद की है। इस कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगा था। अब इस मामले में गोमतीनगर पुलिस फरार अन्य आरोपियों के बारे में पता लगा रही है। वहीं गैंग के लीडर मनोज तिवारी पर पहले से 30 के करीब आपराधिक मामले दर्ज हैं।