--स्लो मोशन में चल रहा काम, म्यूजियम पर लगा विराम

--अगले छह महीने में भी काम पूरा होने की उम्मीद नहीं

--नवंबर 2019 में ही होना था हैंड ओवर

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RANCHI (18 स्नद्गढ्ड) : राजधानी में डेवलपमेंट के काम पर ग्रहण लग चुका है। हर काम की रफ्तार धीमी हो गई है। जेल रोड स्थित बिरसा मुंडा पुराना जेल कैंपस में बन रहे म्यूजियम का हाल भी ऐसा ही है। कछुए से भी धीमी चाल में इस प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। म्यूजियम का निर्माण नवंबर 2019 में ही पूरा कर लिया जाना था। अक्टूबर 2018 में शुरू इस प्रोजेक्ट का अबतक 60 प्रतिशत भी काम पूरा नहीं हुआ है। इस प्रोजेक्ट को देख रहे इंजीनियर के अनुसार अगले छह महीने में म्यूजियम हैंडओवर करने की उम्मीद है। कुल 60 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर अब तक 30 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।

धूप में सूख रहे पौधे

जेल परिसर को ग्रीनरी किए जाने की योजना थी। इसके लिए मिट्टी फीलिंग कर उस पर पौधरोपण और ग्रास लगाया जाना था। लेकिन यह काम भी रुका हुआ है। कोलकाता से एक ट्रक पौधे मंगवाए गए थे, ये पौधे रखे-रखे सूखने लगे है। कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि मिट्टी फीलिंग और पौधे मंगवाने में अबतक एक करोड़ रुपए इनवेस्ट हो चुके हैं। पौधा और ग्रास के अलावा 29 छायादार पेड़ भी लगाने की प्लानिंग है। फिलहाल सभी काम में विराम लगा हुआ है।

क्या है स्टेटस

म्यूजियम का स्ट्रक्चर बन कर तैयार है। इसे वार मेमोरियल के रूप में तैयार करना है। यहां आजादी के समय इस्तेमाल किए गए हथियार और बिरसा मुंडा से जुड़ी अलग-अलग कलाकृतियां दशाई जानी है। झारखंड के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को भी यहां दर्शाया जाएगा। लेकिन फिलहाल स्ट्रक्चर के अंदर का सारा काम बंद पड़ा है। इसी प्रकार मिट्टी फीलिंग का काम भी काफी धीमी गति से हो रहा है। कुल 34 एकड़ में फैले इस पार्क में जेल परिसर को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इसके अलावा म्यूजियम और वाटर फाउंटेन का काम भी किया जाना है।

पेमेंट नहीं होने से रुका काम

काम करा रही कंपनी सिंघल इंटरप्राइजेज के प्रतिनिधि ने बताया कि काम काफी पहले ही पूरा हो गया होता, लेकिन पेमेंट नहीं होने से काम अटका हुआ है। कंपनी के लगभग 10 करोड़ रुपए बकाया हैं। विधानसभा चुनाव में लगाए गए कोड ऑफ कंडक्ट के समय से ही पेमेंट रुका हुआ है। सरकार को बिल भेजे पांच महीने हो गए, अबतक कोई पेमेंट नहीं हुआ है। इसके बाद हुए काम का भी लगभग चार करोड़ रुपए का बिल तैयार है, लेकिन अभी इसे भेजा नहीं गया है।

वाटर फाउंटेन पर भी ग्रहण

इसी प्रकार जेल परिसर में डांसिंग वाटर फाउंटेन भी बनाया जाना था। वाटर फाउंटेन के लिए बेस तैयार कर लिया गया है। बेस तैयार किए हुए सात महीने बीत चुके हैं। फाउंटेन के लिए 50 मोटर लगवाए गए हैं, जिससे पानी का मूवमेंट दिखाया जाएगा। इसके बाद का कोई काम आगे नहीं बढ़ा है। डीपीआर के अनुसार, वाटर फाउंटेन की मदद से शहीद बिरसा मुंडा और दूसरे शहीदों को दर्शाया जाना है। पानी के फव्वारे के बीच दिखाया जाएगा। लेकिन वर्तमान स्थिति में प्रोजेक्ट के सभी काम रुक गए हैं। फाउंटेन के चारों ओर से सीटिंग अरेंजमेंट और पार्क डेवलप करना है। लेकिन एनक्रोचमेंट के कारण काम रुका हुआ है।