जजों की शिकायत पर मुख्य सचिव ने दी चेतावनी

जर्जर सड़क, ट्रैफिक के साथ ड्रेनेज सिस्टम ठीक करने का निर्देश

मुख्य सचिव के सवालों का जवाब नहीं दे सके अधिकारी

ALLAHABAD:

शहर की सड़कों को गढ्डामुक्त न कर पाने, जाम की समस्या नहीं ठीक कर सके और ड्रेनेज सिस्टम ठीक करने में फेल अधिकारियों की अब खैर नहीं है। अभी तक इन समस्याओं को लेकर पब्लिक गुस्से में थी, अब न्यायिक अधिकारियों ने भी आवाज उठा दी है। उन्होंने ये शिकायत सीधे सरकार व सरकार के नुमाइंदों से की है। अब गुस्से में आई सरकार ने अधिकारियों को ये समस्याएं दूर करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी है। चेतावनी है कि यदि एक सप्ताह में सुधार नहीं कर सके तो कार्रवाई झेलने को तैयार रहें।

आए थे समारोह में, सुनीं शिकायतें

हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस दिलिप साहब के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मुख्य सचिव दीपक सिंघल शनिवार को इलाहाबाद पहुंचे। उन्होंने चीफ जस्टिस से मुलाकात कर मुख्यमंत्री का संदेश दिया और कार्यपालिका व न्यायपालिका के बीच बेहतर सामंजस्य का भरोसा दिलाया। समारोह में ही हाईकोर्ट के न्यायिक अधिकारियों व न्यायाधीशों ने मुख्य सचिव को घेर लिया। उन्होंने उनसे न सिर्फ शहर की हकीकत बयां की बल्कि उससे रूबरू भी कराया। ध्वस्त हो चुके ट्रैफिक सिस्टम, पार्किंग और ड्रेनेज सिस्टम की शिकायत मुख्य सचिव से की गई। इसके बाद मुख्य सचिव का गुस्सा भड़क उठा।

नहीं तो होगी कार्रवाई

शिकायतों से भड़के मुख्य सचिव ने जिम्मेदार अधिकारियों से बातचीत की। एडीए उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार पांडेय को पार्किंग व्यवस्था न होने पर कार्रवाई का निर्देश दिया। सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान भी शहर की बदहाल व्यवस्था का चेहरा सामने आने पर मुख्य सचिव का गुस्सा और भड़क उठा। ट्रैफिक जाम व पार्किंग व्यवस्था न होने की शिकायत पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर शहर की व्यवस्था दुरूस्त करने की चेतावनी दी।

छह को फिर आऊंगा

मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारी शहर को जाम मुक्त करने के साथ ही गढ्डा युक्त सड़कों से राहत दिलाएं। जहां पार्किंग नहीं है वहां पार्किंग की व्यवस्था करें। जिन लोगों ने पार्किंग स्थल पर कब्जा कर रखा है। उनके खिलाफ कार्रवाई करें। जिन ठेकेदारों ने नालों को ठीक से नहीं बनाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई करें। जिसके लिए एक सप्ताह का समय दिया जा रहा है। क्योंकि पांच को मैं फिर इलाहाबाद आऊंगा और शहर की व्यवस्था को देखूंगा। अगर स्थिति नहीं सुधरी तो फिर कार्रवाई होनी तय है।