छतरी पीर से लेकर जली कोठी चौराहे तक रहता है जलभराव

कूडे़ से अटी नालियों के भरोसे गलियों से निकलता है पानी

Meerut। नगर निगम की लापरवाही के चलते शहर के अधिकतर सभी पुराने इलाकों में साल दर साल बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या बढ़ती जा रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ऐसे ही शहर के इलाकों में जाकर समस्या को तलाशने की कवायद शुरु की है। इस क्रम में मंगलवार को टीम ने शहर के प्रमुख जली कोठी एरिया में जाकर जलभराव के कारणों की जानकारी स्थानीय लोगों से ली। तो पता चला कि यहां पुरानी सीवर लाइन जलभराव का प्रमुख कारण हैं जिसे साफ करने में निगम भी अक्षम हो चुका है।

वार्ड संख्या 65

मोहल्लों के नाम- खैरनगर, बन बटान, बाजार खैर नगर, कोठी अतानस, गूलर वाली गली, ठाकुर की कोठी, टंकी कम्पाउंड

जरा सी बारिश में जलभराव

शहर के प्रमुख जलीकोठी क्षेत्र में शहर की कई पुरानी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की जगह हैं। यहां प्रमुख बैंड बाजार से लेकर धार्मिक आस्था का केंद्र छतरी वाला पीर स्थित है। इसके बाद भी इस एरिया में निगम की अनदेखी के चलते मुख्य सड़क व गलियां साफ सफाई की सुविधा से महरुम हैं। इसका नतीजा है कि बारिश चाहे तेज हो या कम, जलीकोठी की मेन रोड से लेकर गलियां जलमग्न हो जाती हैं। बरसात के कई घंटे बाद तक सड़क दिखाई नही देती है।

जर्जर हुई सीवर लाइन

जलीकोठी एरिया से जुड़ी गलियों से जलनिकासी के लिए 15 साल पहले सीवर लाइन बिछाई गई थी। इस सीवर लाइन के माध्यम से पानी थापरनगर नाले में पहुंचाया जाता था, लेकिन रखरखाव और साफ सफाई के अभाव में यह सीवर लाइन जगह जगह से चोक हुई पड़ी है। तीन माह पहले निगम की सीवर जेट मशीन ने छतरी वाले पीर के पास सीवर लाइन खोलने का प्रयास किया था, लेकिन मशीन ने कुछ सीवर साफ किए और बाकी छोड़ दिए जिस कारण से साफ हुए सीवर भी पानी आगे पहुंचाने के बजाए ओवरफ्लो हो गए।

नालियों की हालत खस्ता

जली कोठी के पास थापरनगर में हिंदी भवन के अंदर शहर की कुछ बड़ी डेयरियों का संचालन किया जाता है। इन डेयरियों से रोजाना कई किलो गोबर नालियों में ही बहाया जाता है। जिससे आसपास के इलाके की नालियां व नाले गोबर के कारण जाम रहते हैं। इसके अलावा नियमित साफ सफाई ना होने के कारण घरों का कूड़ा भी नालियों में ही बहाया जा रहा है जिस कारण से थापर नगर नाले तक पहुंचने से पहले ही नालियों का पानी सड़क पर आ जाता है। ऐसे में बरसात के दौरान यह पानी नालियों में बहने के बजाए सड़क पर बहता है।

थापर नगर में लगातार सीवर लाइन को साफ कराने का प्रयास किया जा रहा है। डेयरियों के गोबर के कारण लाइन चोक हो जाती थी, लेकिन अब डेयरी हटने से गोबर की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है। वहीं दुकानों का रैंप हटाकर नालियों की सफाई भी की जा चुकी है।

डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

इस क्षेत्र की सीवरलाइन काम नही करती है। सीवर लाइन चोक रहने के कारण पानी निकासी नालियों के भरोसे है और नालियां कूडे़ से अटी हुई हैं।

अकरम

निगम ने पिछले साल दुकानों के रैंप हटाकर नालियों की पूरी सफाई की थी तब बरसात में पानी तुरंत उतर रहा था लेकिन उसके बाद सफाई नही हुई है नालियां कूडे़ से भर गई हैं। पानी निकल नही पाता है।

मुन्ना भाई

मेन रोड पर पानी भरने के बाद गलियों में पानी भर जाता है। जली कोठी पर सबसे बुरा हाल मस्जिद वाली गली है। बरसात में नमाजियों को मस्जिद जाने में बड़ी परेशानी होती है।

निजाम

जब तक सीवर लाइन को पूरी तरह साफ नही किया जाएगा इस क्षेत्र से जलभराव की समस्या दूर नही होगी। पुरानी सीवर लाइन जगह जगह से जाम है और निगम के कर्मचारी उसे खोलने का प्रयास भी नही करते हैं।

नासिर