-कई इलाकों से घटा पानी, बर्बादी के आंकड़े लगाने में जुटे पटनाइट्स

PATNA: पिछले हफ्ते पटना में जल का जो जलजला आया था वह अब उतरने लगा है और बर्बादी के निशान दिखने लगे हैं। पिछले दो दिन में पानी में डूबे अधिकांश इलाके से पानी तेजी से निकला है और अब बर्बाद हो चुके सामान, सड़क, गाडि़यां कूड़े-कचरे और मलबे के बीच दिखने लगी है। हालांकि अब भी कई इलाकों में जलजमाव है। बारिश का पानी कॉलोनियों से निकलते ही बर्बादी के मंजर उभर आए हैं। सड़कें जर्जर हो गई हैं, मकानों में जबरदस्त सीलन है, बिजली की समस्या से अंधेरा कायम है, घरों, ऑफिसों के फर्नीचर, गाडि़यां, कीमती सामान सब सड़े पानी में बर्बाद हो गया है। घर हो या ऑफिस बेसमेंट। ग्राउंड फ्लोर में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। लोगों के दर्द की इंतहा नहीं है। तिनके-तिनके जोड़कर जो सामान बड़े शौक से खरीदा था वह पूरी तरह खराब हो गया है। अपना दर्द बताये तो किससे। प्रभावित लोग इसे बुरे हकीकत को कभी नहीं भुला पाएंगे। दूसरी तरफ प्रभावित इलाकों में फंसे लोग डेंगू, टाइफाइड और अन्य जल जनित बीमारियों की चपेट में हैं।

मलबे हटाने में लाखों खर्च

बारिश के पानी से तबाही के बाद सड़े-गले मलबे हटाने में जहां सरकार सरकार को लाखों रुपए खर्च होगा वहीं अपने घर और आसपास को स्वच्छ करने में लोगों को भी काफी मशक्कत करनी होगी। राजेन्द्र नगर का आलम यह है कि रोड 12 के अधिकांश इलाकों में पानी घटने लगा है। मगर नाले से निकलकर आए मलबे से सड़क पर लगभग एक-डेढ फीट तक गाद और गंदगी जमा हो गई है। मलबे के ऊपर पानी होने से ये दिख नहीं रहा है। मगर इस पर चलने वाले लोगों को हकीकत पता चल रही है।

नष्ट हो गई दुर्लभ पांडुलिपियां

पानी घुसने से राजेन्द्र नगर स्थित राष्ट्रभाषा परिषद न सिर्फ पिछले 8 दिनों से प्रभावित है बल्कि परिषद् के पुस्तकालय में रखी कई दुर्लभ पांडुलिपियां और हजारों किताबें भींगने से खराब होने लगी है। संस्था के डायरेक्टर सतेन्द्र कुमार ने डीजे आई नेक्स्ट को फोन पर बताया कि कितनी बर्बादी हुई है इसका आकलन फिलहाल संभव नहीं है। पानी कम होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

कार और बाइक भी हो गई खराब

जल प्रलय से पानी जाने से कई नई कार और बाइक में खराबी आई है। लोगों ने बताया कि सिर्फ राजेन्द्र नगर में करीब 200 से 250 चारपहिया और करीब 500 बाइक में खराबी आई है। जिन इलाकों में पानी घट गया है वहां के लोग अपनी बाइक को मैकेनिक के पास ले जाते दिख रहे हैं। इस के अलावा ग्राउंड फ्लोर में रखे करोड़ों रुपए के इलेक्ट्रिक सामान, कपड़े आदि भी बर्बाद हो गए हैं। अब लोग इंश्योरेंस कंपनियों और मैकेनिक के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं।

जीवन भर की कमाई हो गई बर्बाद

रोड नंबर 12 के निवासी रविन्द्र सिंह ने बताया कि मेरी नई होंडा सिटी कार पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। घर में रखी बाइक भी स्टार्ट नहीं हो रही है। करीब 60 लाख से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है। वहीं चौराहे पर फॉटो कॉपी शॉप के संचालक विजय कुमार ने बताया कि सारा सामान बर्बाद हो गया। दुकान में पांच फीट पानी होने से फोटो कॉपी मशीन, कार, कम्प्यूटर सहित कई सामान खराब हो गए। जिसे खरीदने में 10 साल लगेंगे।

हर घर में मिल रहे दो से तीन पेशेंट्स

राजेन्द्र नगर के जिन इलाकों में पानी कम हुआ है वहां हर घर में 2 से 3 लोग बीमारी से ग्रस्त हैं। शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने राजेन्द्र नगर के कई घरों में जाकर लोगों का हाल जाना तो पता चला कि कोई डायरिया तो कोई डिसेंट्री और चर्म रोग जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं। लोगों की मानें तो पानी कम होने के बाद मच्छर का आतंक डबल हो गया है बावजूद फॉगिंग के नाम पर नगर निगम की ओर से सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है।