- जलकल डिपार्टमेंट मेनहोल की सफाई को मंगा रहा है बैंडीकूट रोबोट

- गलियों के लिए मंगवाई जा रही जेटिंग, रोडिंग- ग्राबिंग मशीन

सीवर की सफाई के लिए अक्सर सफाईकर्मियों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। एक मार्च को पांडेयपुर काली मंदिर के पास सीवर लाइन की सफाई के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गयी थी। घटना से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे। भविष्य में ऐसा न हो जलकल विभाग ने इसका रास्ता निकाल लिया है। अब शहर के सीवर की सफाई बैंडीकूट रोबोट और जेटिंग, रोडिंग-ग्राबिंग मशीन से होगी। जलकल ने मशीन का आर्डर दे दिया है।

आ रही है चार मशीनें

शहर में सीवर सफाई किसी चुनौती से कम नहीं है। यहां अब भी सीवर सफाई पुराने अंदाज में की जाती है। मजदूर गहरे सीवर में उतरकर सफाई करते हैं। कई बार सफाई के दौरान उनकी जान भी चली गयी है। इस नई व्यवस्था से जहां सीवर का कचरा सीधे ऑटो में ही डंप होगा, वहीं सीवर में बनी गैस से जो हादसे होते थे वह भी नहीं होंगे। एक मशीन प्रतिदिन 10 से 12 मेनहोल साफ करेगी। फिलहाल चार मशीन मंगवाई जा रही है। इसके अलावा लापता मेनहोल को खोजने के लिए लोकेटर भी मंगवाया गया है।

मेनहोल साफ करेगा बैंडीकूट रोबोट

एडवांस रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में एक्सपर्ट हासिल जेनरोबोटिक्स के विकसित किए गए बैंडीकूट रोबोट को जलकल विभाग ने खरीदने का फैसला लिया है। केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और गुजरात की तरह बनारस में भी बैंडीकूट रोबोट से मेनहोल की सफाई करायी जाएगी। केरल स्टार्टअप मिशन की ओर से उपलब्ध करायी जा रही बैंडीकूट एक मकड़ी के आकार का रोबोट है, जो रोबोटिक तकनीक के जरिए मेनहोल को साफ करेगा। 50 किलोग्राम भार वाली इस मशीन को मेनहोल में उतारा जाएगा। अंदर इसका रोबोटिक आर्म 360 डिग्री के कोण पर घूमते हुए कचरे को साफ करेगी।

गलियों के लिए आ रही ग्राबिंग मशीन

बनारस को गलियों का शहर कहां जाता है। जहां एक लाख से अधिक मकान हैं जिसमें शहर की 60 प्रतिशत आबादी रहती है। इनकी सुविधा के लिए पूरे शहर में 839 किलोमीटर की सीवर लाइन बिछायी गई है। क्षमता से अधिक आबादी होने के कारण अक्सर सीवर लाइन जगह-जगह चोक हो जाती है। इसकी सफाई के लिए मजदूरों को मेनहोल में उतारा जाता है, लेकिन जहरीली गैस की चपेट में आने से मजदूरों की मौत हो जाती है, लेकिन अब जनहानि नहीं होगी। गलियों में सीवर सफाई के लिए बैंडीकूट रोबोट के अलावा जेटिंग, रोडिंग-ग्राबिंग मशीन मंगवाई गई है। मशीन मेनहोल से पूरा कचरा उठाकर ऑटो में बने टैंक में ही डंप करेगी।

गायब मेनहोल को खोजेगा लोकेटर

शहर के आधे से अधिक अधिक मेनहोल गायब हो चुके हैं। जिसे खोजने के लिए जलकल विभाग ने लोकेटर भी मंगाया है, जो कंक्रीट में छिप गए मेनहोल को खोजने में मदद करेगा। मेनहोल मिलने के बाद सीवर समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

शहर में सीवर समस्या काफी गंभीर बन चुकी है, जो मैन पावर से दूर नहीं हो पा रही है। इसलिए मशीनरी तकनीक से इस समस्या को हल किया जाएगा। शासन से मंजूरी के बाद बैंडीकूट रोबोट, ग्राबिंग मशीन, लोकेटर मंगाए जा रहे हैं।

-नीरज गौड़, जीएम-जलकल