पेटा सहित अन्य NGO ने दी थी सुप्रीम कोर्ट में याचिका

पिछले दिनों सरकार तमिलनाडु में पोंगल के अवसर पर जल्लीकट्टू के आयोजन से रोक हटाते हुए एक नोटिस जारी किया था। इसे एनिमल वेलफयर बोर्ड ऑफ इंडिया, पेटा इंडिया और बेंगलुरू के एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच कर रही है।

केंद्र सरकार ने हटाई थी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने चार साल पहले बैलों के इस क्रूर खेल के आयोजन पर रोक लगा दी थी। सरकार ने 8 जनवरी को एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए बैलों के इस आयोजन से सशर्त बैन हटा दिया था। राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव में लाभ लेने के लिए जनभावना के बहाने कुछ लोग केन्द्र पर इस खेल की बहाली को लेकर दबाव बना रहे थे।

सरकार ने जल्लीकट्टू खेल के लिए रखी थी शर्तें

केंद्र सरकार की इस मंजूरी का पशु अधिकार समूह विरोध कर रहे हैं। हालांकि केन्द्र सरकार ने जल्लीकट्टू को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी थी। शर्तों के अनुसार बैल गाड़ी की दौड़ एक नियमित ट्रैक पर आयोजित की जाएगी, जो दो किलोमीटर से लंबा नहीं होगा। बैल के घेराव से बाहर जाते ही 15 मीटर की अर्धव्यास दूरी के भीतर उसे काबू करना होगा। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा बोर्ड के अधिकारियों की ओर से बैलों की उचित जांच कराई जाए।

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