फिर बाढ़ से बेदम हुआ श्रीनगर

जम्मू कश्मीर में लगातार बारिश से राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बनने लगी है. प्रदेश सरकार ने बाढ़ की घोषणा करने के साथ ही सेना से मदद मांगी है. इसके बाद एनडीआरएफ की दो टीमें श्रीनगर के लिए रवाना कर दी गई है. जहां एक तरफ प्रदेश एक बार फिर बाढ़ का सामना कर रहा है वहीं मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले 72 घंटे तक मौसम में सुधार की संभावना नहीं है. मूसलाधार बारिश और लैंड स्लाइडिंग के शिकार लोगों की संख्या अब तक 16 तक पहुंच चुकी है. इनमें से सात लोगों के शव भी बरामद हो चुकी है. प्रदेश के हालात पर बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि, अभी तक हालात ज्यादा खराब नहीं हुए हैं. यहां अब भी वही अधिकारी तैनात हैं जो पिछले साल सितंबर में आई बाढ़ के दौरान थे. इससे उम्मीद की जा सकती है कि पुराने अनुभवों की वजह से स्थितियों से निपटने में असानी होगी. इस बीच बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को जम्मू-कश्मीर के दौरे के आदेश दिए हैं. नकवी केन्द्र के अधिकारियों की एक टीम के साथ वहां जाएगें और पूरी स्थिति का जायजा लेकर शाम तक रिपोर्ट देंगे.

अब तक छह पुल क्षतिग्रस्त

जम्मू में शनिवार शाम से हो रही मूसलधार बारिश के चलते झेलम समेत सभी प्रमुख नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने के बाद घाटी में लगभग छह पुल क्षतिग्रस्त हो गए. इस वजह से कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है. लालचौक समेत कई इलाकों में पानी भर गया है और लोगों ने अपने घरों व दुकानों को खाली करना शुरू कर दिया है. उधर झेलम मेडिकल कालेज में पानी घुस गया है और वहां के मरीजों को अन्यत्र स्थनांतरित कर दिया गया है. कश्मीर में 44 मकानों सहित पूरे राज्य में 50 मकान ढह गए हैं. इसके अलावा कश्मीर में बाढ़ में फंसे 237, जम्मू के पुंछ जिले में 20 लोगों सहित पूरे राज्य में करीब तीन सौ लोगों को पुलिस ने बचाया. वहीं जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भी जगह-जगह भूस्खलन से रास्ता बंद हो गया है. हालात को भांपते हुए मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद भी दिल्ली से कश्मीर पहुंच गए और एक उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने बचाव कार्य के लिए 235 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

राज्य सरकार ने जारी किया हाईअलर्ट

इसके अलावा कई मंत्रियों को हालात सामान्य होने तक वादी में रहने को कहा गया है. इस बीच सरकार ने राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और मुख्यमंत्री ने सेना से भी सहयोग के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है. सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए रेत की 12 लाख बोरियां मंगाई है. कश्मीर के सभी स्कूल कालेजों को अनिश्चित काल के लिए बंद करवा दिया है तथा परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.

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