रांची : एक बार फिर रेलवे की लापरवाही के कारण जम्मूतवी टाटानगर एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बच गई और ट्रेन में सवार करीब एक हजार यात्री इस दुर्घटना के शिकार होने से बाल-बाल बच गए। दरअसल, मुरी से टाटानगर जाने वाली लाइन में तोरांग और सुईसा के बीच बिना ब्लॉक लिए रेलवे का काम चल रहा था। काम के बाद रेलकर्मियों ने रेलवे ट्रैक पर ही वेल्डिंग और ड्रिलिंग मशीन छोड़ दी। तभी जम्मूतवी-टाटानगर एक्सप्रेस आ गई और जोरदार टक्कर ट्रैक पर रखे मशीन को मारी। संयोग अच्छा था कि इस जोरदार टक्कर में ट्रेन बेपटरी नहीं हुई। इस घटना के बाद ट्रेन का परिचालन आधे घंटे तक प्रभावित रहा। ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

रेलवे ने पीडब्ल्यूआइ को किया सस्पेंड

रेलवे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंजीनिय¨रग विभाग के कर्मी पीडब्ल्यूआइ बी जितेंद्र को निलंबित कर दिया है। अब यह सवाल उठता है कि बिना ब्लॉक लिए और बिना रेलवे के वरीय अधिकारियों को सूचना दिए काम कैसे शुरू हुआ। सुरक्षा के साथ रेलवे ने खिलवाड़ किया है। शुक्र था कि इस घटना के दौरान ट्रेन बेपटरी नहीं हुई अन्यथा थाड़ी-सी भी लापरवाही महंगी पड़ सकती थी।

दस दिनों के अंदर तीसरी बड़ी घटना

दस दिनों के अंदर तीसरी बड़ी घटना है। इसी तरह का मामला यार्ड मास्टर के संग देखा गया था, जिसने ट्रेन के नीचे काम कर रहे कर्मियों को बिना सूचना दिए, ट्रेन को चलने की अनुमति दे दी थी। इस पर यार्ड मास्टर को भी निलंबित कर दिया गया था। वहीं, एक और मामले में गोविंदपुर में ट्रेन के पीछे गुटका को हटा दिया गया था। इस कारण ट्रेन तेजी से पीछे लुढ़ने लगी और ट्रेन बेपटरी हो गई थी। इस मामले में गार्ड को निलंबित कर दिया गया था। आखिर यह सवाल उठता है कि इस तरह की गलतियों पर सख्ती नहीं बरती गई, तो किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना घट सकती है।