JAMSHEDPUR: नोटबंदी के बाद देश में डिजिटलाइजेशन की शुरुआत हुई थी। कैशलेस पेमेंट को लेकर तमाम बातें की गई। केंद्र सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए टीवी, अखबार रेडियो, वेबसाइट पर विज्ञापन से लोगों को जागरूक किया। डिजिटल पेमेंट के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी किया। इसका असर यह हुआ कि युवाओं ने तेजी से डिजिटल पेमेंट मोड को अपनाया, फिर भी देश का बड़ा तबका ऐसा था जो डिजिटल पेमेंट को बोझ और उलझाऊ मानता था, लेकिन कोरोना संकट ने उन्हें भी डिजिटल कर दिया है। नोट से कोरोना संक्त्रमण फैलने की सूचना पर लोग सतर्क हैं। नतीजन लॉकडाउन के दौरान अब लोग न सिर्फ खुद डिजिटल पेमेंट को अपना रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी ऐसा ही करने की सिख दे रहे हैं।

केस 1

जुगसलाई के गौरव खंडेलवाल लॉकडाउन की शुरुआत से ही डिजिटल पेमेंट मोड का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे अपनी जरूरत की चीजों की खरीदारी वहीं से कर रहे हैं, जहां ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा मिल रही है। इससे नोट के जरिये कोरोना संक्त्रमण से खुद को बचाना आसान है।

केस 2

गोलमुरी निवासी मिठ्ठू जायसवान अब लॉकडाउन के इस समय में डिजिटल पेमेंट मोड का इस्तेमाल करके ही सामानों की खरीदारी कर रहे हैं। वे कहते हैं कि इससे पूर्व उन्हें कभी इसकी जरूरत नहीं पड़ी। कोरोना संक्त्रमण से बचने के लिए टीवी पर ऑनलाइन पेमेंट मोड के बारे में जानकारी मिली। अब डिजिटल पेमेंट से ही सामान खरीद रहे हैं।

इन एप का हो रहा है यूज

फोन पे-इस ऐप की मदद से भी डिजिटल पेमेंट आसान है। बैंक खाते से जुड़ा फोन नंबर इस एप के इस्तेमाल को आसान बनाता है। इसमें भी यूजर को यूपीआइ पिन जेनरेट करना होता है। इसकी मदद से डिजिटल पेमेंट करने में सुविधा होगी। इसके अलावा एप की मदद से फोन नंबर से जुड़े अन्य सर्विस जैसे बिजली बिल, सीएनजी गैस कनेक्शन की बिल समेत अन्य का भुगतान आसानी से हो सकेगा।

पेटीएम-इस एप में उपभोक्ता को एक सिक्योर डिजिटल वॉलेट की सुविधा दी जा रही है। इसकी मदद से किसी भी बैंक खाते से पैसे को वॉलेट में ट्रांसफर किया जा सकता है। साथ ही एप में डेबिट कार्ड, क्त्रेडिट कार्ड और पेटीएम यूपीआइ का भी विकल्प मौजूद है।

गूगल पे-इस ऐप की मदद से किसी भी बैंक से जुड़ना आसान है। एप के यूजर अपने बैंक अकाउंट को फोन नंबर के जरिये जुड़ सकते हैं। इसके साथ डिजिटल पेमेंट की सुविधा को जोड़ने के लिए यूपीआइ सिक्योरिटी पिन जेनरेट करना होगा। इस यूपीआइ पिन की जानकारी किसी से साझा किए बिना आसानी से ऑनलाइन पेमेंट किए जा सकते हैं।

भीम यूपीआइ-इस एप ने भी ऑनलाइन पेमेंट को आसान बना दिया है। अब दुकानदार हो या आम आदमी, आसानी से इन माध्यमों का इस्तेमाल कर पैसे के लेन देन के लिए ऑनलाइन पेमेंट मोड का इस्तेमाल कर रहा है। इससे बिना किसी के संपर्क में आए राशि की अदायगी भी हो जाती है।

बैंकों के एप भी दे रहे हैं विकल्प

यूपीआइ पिन जेनरेट करने के बाद किसी भी डिजिटल पेमेंट मोड को इस्तेमाल करना आसान हो रहा है। विभिन्न बैंक की ओर से तैयार किये गए मोबाइल ऐप भी अपने फीचर में डिजिटल पेमेंट की सुविधा को जोड़ चुके हैं। इनसे उपभोक्ता असानी से क्यूआर कोड को स्कैन कर डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं।

दुकानदार दे रहे सलाह

लॉकडाउन में मिलनेवाली छूट से अब कुछ दूकानें खुलने लगी हैं। पेट्रोल पंप, किराना दुकानें पहले से ही खुली हुई थीं। इसके साथ ही दुकानदारों का नया ट्रेंड देखा जा रहा है। कोरोना संक्त्रमण से बचने के लिए दुकान में आनेवाले ग्राहकों से अब दुकानदार नकद राशि लेने की जगह डिजिटल पेमेंट करने को कह रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रचलित डेबिट या क्त्रेडिट कार्ड के जरिये पेमेंट करना है। तमाम लोग इसके बारे में जानते भी हैं, वहीं अब ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए पेमेंट, नेट बैंकिग के जरिये भुगतान के अलावा मोबाइल वॉलेट्स के जरिए भी पेमेंट कर सकते हैं। पेमेंट वॉलेट में पेटीएम, मोबीक्विक, यूपीआइ, एसबीआई और तमाम बैंकों के मोबाइल वॉलेट हैं।

डिजिटल पेमेंट से खरीदारी बढ़ी

देश स्तर पर किए गए एक सर्वे के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान पिछले कुछ हफ्तों में देश भर में डिजिटल पेमेंट से खरीदारी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मेट्रो शहरों में डिजिटल पेमेंट अधिक प्रभावी है। हांलाकि, जमशेदपुर व अन्य छोटे शहरों में भी अब लोग डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित जरिया मानने लगे हैं। यही कारण हैं कि लौहनगरी समेत पूरे देश में लोगों ने इसे तेजी से अपनाया है। पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने भी सुझाव दिया था कि जनता फिलहाल नकदी उपयोग से बचें और लेन-देन के लिए भुगतान के डिजिटल साधनों का इस्तेमाल करें। आरबीआइ के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने कहा था कि नकद राशि भेजने य बिल का भुगतान करने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से लोगों में संपर्क होता है, जिससे फिलहाल बचने की जरूरत है।