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JAMSHEDPUR: जमशेदपुर ट्रैफिक पुलिस ने चेकिंग के दौरान सिर्फ 15 दिनों में 30 लाख रुपए की रिकॉर्ड जुर्माना वसूला। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक टुसू व अन्य त्योहारों की वजह से लोगों का आना-जाना बढ़ गया था और वे ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। 2017-2018 के वित्तिय वर्ष में ट्रैफिक पुलिस ने अब तक 2 करोड़ 55 लाख 85 हजार 200 रुपए जुर्माने के रूप में वसूले। अप्रैल तक चार करोड़ रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य है। अधिकारियों की मानें तो अप्रैल तक लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। वित्तिय वर्ष 2016-2017 में एक करोड़ 15 लाख 18 हजार 960 रुपए का जुर्माना वसूला था।

सबसे ज्यादा हेलमेट चैकिंग से वसूली

ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने बताया चेकिंग में सबसे ज्यादा राजस्व हेलमेट चेकिंग से मिलता है। शहर में लोगों की सुरक्षा को लेकर हेलमेट चैकिंग अभियान रोजाना चौक-चौराहे पर चलाए जा रहे हैं, पर शहर के लोगो का बिना हेल्मेट के चलने का आदत छूट नहीं रही है। हेलमेट चेकिंग के साथ ही सीट बेल्ट, डीएल नहीं रखने, नो पार्किग में गाड़ी खड़ी करने, नो इंट्री में घुसने, ओवर लोडिंग जैसे रुल्स ब्रेक करने पर जुर्माना वसूला जा रहा है।

सबसे ज्यादा राजस्व, सुविधाएं जीरो

शहर की ट्रैफिक पुलिस सबसे ज्यादा राजस्व देती है। इसके बाद भी पुलिसकर्मियों को सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती है। चौक-चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के जवान धूप, बारिश में ड्यूटी करते हैं, पर इनके लिए छतरी इत्यादि की व्यवस्था तक नहीं की गई है। शहर में नाम मात्र के पुलिस पोस्ट बनाए गए हैं। उसमें खड़े होकर ट्रैफिक व्यवस्था कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। जमशेदपुर ट्रैफिक पुलिस के पास स्पीडो मीटर तक नहीं है, जिससे तय से ज्यादा गति से चलनेवाले वाहनों की गति को मापा जा सके।

किस साल कितना जुर्माना

वित्तिय वर्ष जुर्माना

2012-13 80.16 लाख

2013-14 87 लाख

2014-15 1 करोड़

2015-16 1.10 करोड़

2016-17 1.15 करोड़

2017-18 2.55 करोड़

2018 -2019 - 2.95 करोड़ (जनवरी, 2019 तक)

जनवरी में पर्व-त्योहार की वजह से 15 दिन ही वाहन चेकिंग अभियान चला। इसमें करीब 30 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया। इस वित्तिय वर्ष में चार करोड़ रुपए जुर्माना वसूलने का लक्ष्य है, जिसे अप्रैल तक परा कर लिया जाएगा। शहर को जाम फ्री करने के लिए हमने कई कार्य किए हैं, जो कारगर साबित हो रहे हैं। जवानों को पर्याप्त सुविधा मिले, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

-शिवेंद्र कुमार, ट्रैफिक डीएसपी, जमशेदपुर