- इस बार विशेष संयोग में मनाई जाएगी जन्माष्टमी, तीन सितंबर को मनाएंगे वैष्णव जन

- जन्माष्टमी पर इस बार दो सितंबर को बन रहा जयंती योग

Meerut । इस साल जन्माष्टमी पर विशेष संयोग बन रहे हैं। इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2 सितम्बर 2018 दिन रविवार को मनाई जाएगी। इसके अलावा उदया तिथि अष्टमी एवं उदय कालिक रोहिणी नक्षत्र को मानने वाले वैष्णव जन सोमवार यानि 3 सितम्बर को जन्माष्टमी मनाएंगे। हालांकि 2 सितम्बर दिन रविवार को ही अष्टमी एवं रोहिणी नक्षत्र दोनों का योग अर्धरात्रि के समय मिल रहा है। इसलिए 2 सितम्बर दिन रविवार को ही जयन्ती योग में जन्माष्टमी का व्रत होगा।

ये रहेगा संयोग

अष्टमी तिथि

रविवार को शाम 5 बजकर 9 मिनट से

सोमवार दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक

रोहिणी नक्षत्र

रविवार की सायं 6 बजकर 29 मिनट से सोमवार दिन में 5 बजकर 35 मिनट तक

रोहिणी नक्षत्र में जन्म

पं। अरविंद पाठक ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र व्याप्त भाद्र पद अष्टमी को मध्य रात्रि में हुआ था। जन्म के समय स्थिर लग्न वृष का उदय हो रहा था एवं चन्द्रमा का संचरण भी वृष राशि में ही हो रहा था। हर साल वृष लग्न एवं वृष राशि में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है।

बनेंगे उत्तम योग

पं। नितिन नौटियाल ने बताया कि शास्त्रों के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय चंद्र ,गुरु,मंगल ,उच्च राशि में थे। तथा सूर्य ,शुक्र स्वगृही विद्यमान थे, साथ ही चतुर्थ भाव में बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा था। इस वर्ष भी जन्म के समय सूर्य सुख का एवं शुक्र लग्न का कारक होकर अपनी स्वराशि में विद्यमान रहेंगे। साथ ही मंगल और चंद्र अपनी -अपनी उच्च राशि में रहेंगे। सिंह राशि में ही बुधादित्य योग भी बनेगा। साथ ही राहु के तीसरे भाव मे विद्यमान रहने से उत्तम योगो का निर्माण होगा ।

ये योग होंगे फलदायक

विद्वानों के मुताबिक जन्माष्टमी पर जयंती योग के साथ मालव्य, यामिनिनाथ योग, रविकृत राजयोग, बुधादित्य योग अति फल दायक होंगे।

इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष संयोग बन रहा है। जोकि सभी के लिए विशेष फलदायी होगा। जन्माष्टमी पर बने विशेष संयोग पर कृष्ण उपासना विशेष लाभकारी होगी।

पं। नितिन नौटियाल

दो और तीन सितंबर को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी। वैष्णव जन तीन सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे। अष्टमी तिथि में व्रत का विशेष महत्व होता है।

पं। भारत ज्ञान भूषण।