रांची: सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच रविवार को अलबर्ट एक्का चौक पर दही हांडी प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शाम छह बजे गणेश वंदना से हुई। इसके बाद कलाकारों ने राधा-कृष्ण की दिव्य झांकी पेश की। माखन चोरी को भजन के माध्यम से पेश किया। भजन गायिका इशरत जहां ने जैसे ही कान्हा तूने मुरली बजाई, सुन के दौड़ी चली आई शुरू किया, रिमझिम बारिश में दर्शकों में जोश भर गया। संगीत की धुन पर लोग झूमने लगे। इसके बाद कन्हैया मुरली की तान सुना दे, तन-मन में आग लगा दे,घनश्याम तेरी बंशी पागल कर जाती हैआदि गीतों पर दर्शक खुद व खुद खींचे चले आये। वहीं, भजन सम्राट धर्मेद्र पंडित ने अरे-रे-रे मेरी जान है राधा, राधा तेरी चुनरी है लाल-लाल रेआदि गीत पेश कर खूब तालियां बटोरी। देर रात तक कलाकारों की जुगलबंदी दर्शकों में बांधे रखा। भजन के बीच राधा-कृष्ण का वेश धरे कलाकारों का नृत्य देख अभिभूत हो रहे थे। बारिश के बावजूद दर्शकों की भीड़ देख भजन कलाकार भी उत्साहित हो रहे थे। मंच पर सांसद संजय सेठ, मंत्री सीपी सिंह, पूर्व सांसद अजय मारू, श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव समिति के अध्यक्ष मुकेश काबरा, महामंत्री रमेंद्र कुमार, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, विधायक नवीन जायसवाल, जीतू चरण राम, रामकुमार पाहन आदि मौजूद थे।

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दही हांडी प्रतियोगिता में दिखा गोविंदाओं का जोश

राजधानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रंग में रंगी हुई है। हर ओर भक्तिमय वातारवण है। खासकर, दही हांडी प्रतियोगिता की धूम मची हुई है। युवा के साथ युवतियों की मंडली भी दही हांडी प्रतियोगिता में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। अलबर्ट एक्का पर आयोजित दही हांडी प्रतियोगिता में गोविंदाओं की सात टीमों ने भाग लिया। इसमें महिला गोविंदाओं की तीन टीमे शामिल थीं, रात नौ बजे गोविंदा आला रे, आला, मच गया शोर सारी नगरी में, मधुवन में जो कन्हैया किसी गोपी से मिलेआदि भक्ति गीतों के बीच दही हांडी प्रतियोगिता शुरू हुई तो आयोजन स्थल छोटा पड़ गया। गिरते, संभलते गोविंदाओं का दर्शक हौसला बढ़ा रहे थे। पुरुष गोविंदाओं के लिए जहां 20 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी लगाई गई थी वहीं महिला गोविंदाओं के लिए 18 फीट की ऊंचाई पर मटकी टांगा गया था। देर रात तक चली प्रतियोगिता में पुरुष गोविंदा टीम में , एवं महिला गोविंदा टीम में विजयी रहे। विजयी पुरुष गोविंदा टीम को 81 हजार रुपया एवं महिला गोविंदा टीम को 41 हजार रुपया का नगद पुरस्कार दिया गया।