RANCHI : रांची से पटना के बीच पैसेंजर्स को आरामदायक सफर कराने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर जन शताब्दी एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी। रेलवे को उम्मीद थी कि इससे पटना और रांची जाने वाले पैसेंजर्स की संख्या भी बढ़ेगी। पिछले कुछ सालों में पैसेंजर्स की संख्या तेजी से तो बढ़ी लेकिन ट्रेन की हालत बद से बदतर होती जा रही है। हालत यह है कि जन शताब्दी एक्सप्रेस में जर्नी करने पैसेंजर्स को कई परेशानियों के बीच सफर करना पड़ रहा है। इसके बावजूद रेलवे इस ट्रेन की दशा सुधारने के लिए एक्टिव नहीं हो रहा है।

एसी छोड़ बाकी कोच की हालत दयनीय

इस ट्रेन में सेकेंड सीटिंग के अलावा दो चेयर कार भी है। दो चेयर कार को छोड़ दिया जाए तो बाकी कोच की हालत काफी दयनीय हो चुकी है। दूसरे डिवीजन के रिजेक्टेड कोच इस ट्रेन में लगा दिए गए हैं। इन कोचेज में लगी ज्यादातर सीटें फटी हुई हैं। इससे आरामदायक की बजाय सीटें कष्टदायक बन चुकी हैं। इसका खामियाजा इस ट्रेन में सफर करने वाले हजारों पैसेंजर्स को भुगतना पड़ रहा है।

आर्म रेस्ट, पोर्टेबल डेस्क भी गायब

ट्रेन के सभी कोचेज में पैसेंजर्स को सफर के दौरान आराम देने के लिए आर्म रेस्ट लगाए गए थे। वहीं सीटों के पीछे पोर्टेबल डेस्क भी था। जिससे कि पैसेंजर्स को खाने-पीने की चीजें रखने में दिक्कत नहीं होती थी। साथ ही वे लैपटॉप का भी यूज कर लेते थे। लेकिन कुछ कोचेज से ये सभी सुविधाएं गायब हो चुकी हैं। इससे पैसेंजर्स को अब इस ट्रेन में सफर करने से पहले कई बार सोचना पड़ रहा है।

एक्सप्रेस से डेढ़ गुना अधिक है किराया

जन शताब्दी एक्सप्रेस का किराया एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में डेढ़ गुना अधिक है। वहीं पैसेंजर्स भी इस ट्रेन में जाना प्रिफर करते हैं ताकि उन्हें अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने में कम समय लगे। लेकिन जनशताब्दी में अब ये सब मुनासिब नहीं हो पा रहा है। इस कारण पैसेंजर्स को इस ट्रेन में सफर करना कष्टदायक साबित हो रहा है।

वर्जन

ट्रेन का मेंटीनेंस दानापुर डिवीजन करता है। व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है। जल्द ही ट्रेन में यात्रियों को हो रही परेशानियों को दूर कराया जाएगा।

नीरज अंबष्ठ, डीआरएम, रांची डिवीजन