सियोल/टोक्यो (एएफपी/एएनआई)। उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि शनिवार को उसने अपने प्रक्षेपण केंद्र से एक बहुत महत्वपूर्ण लांचिंग को अंजाम दिया है। उत्तर कोरिया ने इस परीक्षण के बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं दी लेकिन इसे देश की सामरिक स्थिति को सुदृढ़ करने वाला कदम बताया। यह परीक्षण ऐसे वक्त पर किया गया जब शनिवार को ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के साथ अपने संबंधों को मधुर बताया। उत्तर कोरिया के इस दावे को लेकर अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जानकारी जुटा रहा है। जानकारों के मुताबिक, यह परीक्षण उत्तर कोरिया ने अपने सोहे प्रक्षेपण केंद्र से किया। इसे आर्थिक पाबंदियों से परेशान उत्तर कोरिया द्वारा अमेरिका के साथ रुकी वार्ता को फिर बहाल करने के लिए दबाव बनाने के तौर पर देखा जा रहा है।

ट्रंप ने किम जोंग पर साधा निशाना

इस लॉन्च को भी उत्तर कोरिया द्वारा चोरी-छिपे किया जाने वाला मिसाइल परीक्षण कहा जा रहा है। वहीं, उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल परीक्षण के दावे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निशाना साधा। ट्रंप ने ट्वीट किया, 'किम जोंग उन अगर दुश्मनी निभाएंगे तो सब कुछ गंवा देंगे। उन्होंने सिंगापुर में मेरे साथ परमाणु निशस्त्रीकरण का समझौता किया है। वह अमेरिका के राष्ट्रपति से अपने खास रिश्ते को बेकार नहीं करना चाहेंगे।' ट्रंप और किम ने 2018 में सिंगापुर में पहली वार्ता की थी।

उत्तर कोरिया ने एक बार फिर दागीं दो मिसाइलें, एक महीने के भीतर किम ने किया सातवां परिक्षण

उत्तर कोरिया और मिसाइलों का कर सकता है परिक्षण

इसके अलावा जापानी सरकार ने कहा है कि वह रविवार को प्योंगयांग की घोषणा के बाद उत्तर कोरिया के हरकतों की बारीकी से निगरानी कर रही है। जापानी मीडिया 'एनएचके वर्ल्ड' ने जापानी रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि उत्तर कोरिया ने अपनी लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की सीमा का विस्तार करने के लिए एक परीक्षण किया हो सकता है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जापानी सरकार प्योंगयांग के हरकतों से काफी चिंतित है, उसका मानना है कि उत्तर कोरिया अभी और मिसाइलों का परिक्षण कर सकता है। बता दें कि मई 2019 से लेकर अब तक उत्तर कोरिया 12 से अधिक मिसाइलों का परिक्षण कर चुका है।

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