उत्तर कोरिया की रॉकेट योजना
अंतरिक्ष कार्यक्रम के अंतर्गत रॉकेट छोड़ने की संयुक्त राष्ट्र को सूचना देने के उत्तर कोरिया के कदम के बाद उसके नजदीकी देशों की त्योरियां चढ़ गई हैं। उत्तर कोरिया ने कहा है कि वह 8 फरवरी से 25 फरवरी के मध्य रॉकेट लांच करेगा।पड़ोसी दक्षिण कोरिया ने उससे यह कार्य न करने के लिए कहा है। न मानने पर गंभीर नतीजों की चेतावनी दी है। जबकि जापान ने अपनी सेना को सतर्क करते हुए चेतावनी दी है कि रॉकेट यदि उसकी आकाशीय सीमा में आया तो उसे मार गिराया जाएगा। पड़ोसी देश इसे उत्तर कोरिया का लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण मान रहे हैं।

कई देश हुए चिंतित
बताते चलें कि चार परमाणु परीक्षण करने के बाद उत्तर कोरिया ने अब अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए रॉकेट छोड़ने की बात कही है। लेकिन माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी की आइसीबीएम मिसाइल बनाने के लिए यह परीक्षण कर रहा है, जिसकी जद में अमेरिका भी होगा। इसी के चलते अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया में चिंता है। इन देशों के उत्तर कोरिया से तनावपूर्ण संबंध हैं। दक्षिण कोरिया ने कहा है कि इस तरह का परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का खुला उल्लंघन है।

लग सकते हैं नए प्रतिबंध
पूर्व में परमाणु परीक्षण करने के चलते उत्तर कोरिया पहले से ही संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध झेल रहा है। जनवरी में किए हाइड्रोजन बम के ताजा परीक्षण के चलते उस पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है। इस सिलसिले में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबी इन दिनों अमेरिकी सरकार और अन्य देशों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी ने जापान सागर में तैनात अपने विध्वंसकों को उत्तर कोरिया के रॉकेट को सीमा में आते ही मार गिराने के निर्देश दिए हैं।माना जा रहा है कि रॉकेट जापान के स्वामित्व वाले ओकीनावा द्वीप के ऊपर से होकर गुजरेगा। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी के अनुसार संयुक्त राष्ट्र को अब और ज्यादा कड़ाई के साथ उत्तर कोरिया को संदेश देने की जरूरत है। इन सबके जवाब में उत्तर कोरिया का कहना है कि वह संप्रभु राष्ट्र है और उसे अपने हितों के अनुरूप अंतरिक्ष कार्यक्रम चलाने का अधिकार है।

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