कानून तोड़ने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

हरियाणा में जाटों को आरक्षण देने से जुड़ा विधेयक आज विधानसभा में पेश होने की उम्मीद नहीं दिख रही है। सूत्रों की माने तो बताया जा रहा है कि बिल के ड्राफ्ट में कुछ तकनीकि दिक्कतें हैं। अपना आंदोलन बढ़ाने के लिए जाट नेता शुक्रवार को बैठक करके आगे की रणनीति तय करने वाले हैं। जाट आंदोलन में पिछली हिंसा को देखते हुए इस बार सरकार भी चौकन्नी है। रोहतक, सोनीपत, झज्जर, जींद, भिवानी, और कैथल के जिला प्रशासन को यह अधिकार दिया गया है कि कानून तोड़ने वालों पर NSA राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगा सकता है। आईजी रैंक के अधिकारियों से इन सभी छह जिलों में कैंप करने को कहा गया है। राज्य सरकार ने इसके अलावा अर्द्धसैनिक बल की 80 कंपनियां मांगी है।

सरकार 5 अन्य जातियों को दे सकती है आरक्षण

जाट समुदाय के नेता 10 प्रतिशत कोटे की मांग कर रहे हैं। आंदोलन के दौरान जाट नेताओं पर दर्ज हुई एफआईआर वापस लेने की मांग कर रहे हैं। जाट समुदाय बीजेपी के कुरुक्षेत्र से सांसद राजकुमार सैनी पर एंटी जाट बयान देने के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। जाट आरक्षण विधेयक बुधवार को विधानसभा में पेश होना था। किन्ही कारणोवश्ी विधेयक पेश नहीं किया जा सका। जाट आरक्षण विधेयक का ड्राफ्ट शाम को सीएम खट्टर की अगुवाई में मंत्रियों की बैठक रखी गई है। इस बैठक पर कई मंत्रियों ने आपत्ति जताई है। सरकार जाट सहित 5 जातियों को आरक्षण देने की तैयारी में है। ऐसी स्थिती में सरकार ने अब ऐसे प्ररूप को तैयार करने का फैसला किया है जिससे सभी सहमत हों।

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