मुंबई (पीटीआई)। राइटर और लिरिसिस्ट Javed Akhtar का कहना है कि अजान विश्वास का एक अभिन्न हिस्सा है। यह कहना है कि लाउडस्पीकर पर अजान को रोक दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे दूसरों को 'असुविधा' होती है। शनिवार को एक ट्वीट में अख्तर ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जब देश में लगभग आधी सदी तक तेज आवाज में अजान हराम थी। हालांकि इस वक्त तो अजान लाउडस्पीकरों से ही हो रही है।

जावेद ने ट्वीट कर कही ये बात

जावेद अख्‍तर ने ट्वीट कर बताया है कि 'भारत में 50 वर्षों तक तेज आवाज में अजान हराम थी। फिर वह हलाल बन गई और इतनी हलाल की अब उसका कोई अंत नजर नहीं आता लेकिन इसका कोई अंत होना चाहिए। अजान ठीक है लेकिन लाउड स्‍पीकर दूसरों को असुविधा पहुंचाता है। मैं उम्‍मीद करता हूं कि कम से कम इस बार वे अपने आप करेंगे।' जब एक यूजर ने उनसे मंदिरों में लाउडस्‍पीकर के इस्‍तेमाल पर सवाल किया तो उनका जवाब था कि 'मंदिर हो या मस्जिद, अगर आप त्‍योहार में लाउडस्‍पीकर इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो ठीक है। लेकिन न तो मंदिर न ही मस्जिद में इसका इस्‍तेमाल रोज किया जाना चाहिए। हजार वर्षों तक अजान बिना लाउडस्‍पीकर के होती रही है। अजान आपकी आस्‍था का अटूट हिस्‍सा है यह गैजेट नहीं।'

घर पर पढ़ें नमाज

उन्‍होंने रमजान के पाक महीने जो 24 अप्रैल को शुरू हो चुका है में मुस्लिम समुदाय से घरों में नमाज अदा करने की अपील भी की है। उन्‍होंने कहा था कि, 'मैं सभी मुस्लिम भाईयों से अपील करता हूं कि रमजान आ गया है, प्रार्थना करें लेकिन ऐसे कि किसी को इससे असुविधा न पहुंचे। आप मस्जिद में जो प्रार्थना करते हैं, आप घर पर भी कर सकते हैं। आपके मुताबिक घर, जमीन, सब उसने ही बनाए हैं। इसलिए आप अपनी प्रार्थना कहीं भी कर सकते हैं।'

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