करवरिया बंधुओं को नहीं मिली राहत

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PRAYAGRAJ: जवाहर पंडित हत्याकांड में मुकदमा वापसी की अर्जी पर लगातार पंद्रह दिनों तक पीडि़त पक्ष, अभियुक्त पक्ष व अभियोजन पक्ष की बहस सुनने के बाद अपर जिला जज रमेश चंद्र ने 23 पृष्ठ का निर्णय देकर जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।

वाद वापसी उचित नहीं

कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि लोक अभियोजक ने प्रस्तुत मामले में अपने स्वतंत्र न्यायिक मस्तिष्क का प्रयोग नहीं किया है। अभियोजक को वाद वापसी की अनुमति देना उचित एवं न्याय संगत नहीं है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि दो वर्ष पूर्व अभियोजन साक्ष्य समाप्त हो चुका है। 16 गवाह अभियोजन की ओर से पेश हुए। पत्रावली सफाई साक्ष्य में चल रही थी, इसमें 65 गवाह बचाव पक्ष ने पेश किए। अभियोजन द्वारा पेश की गई मुकदमा वापसी की अर्जी का विरोध पीडि़त पक्षकार कर सकता है। इसके तहत पीडि़त व्यक्ति को अभियोजन के द्वारा मुकदमा वापस लेने के प्रार्थना पत्र के विरूद्ध सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए।

11 प्रस्तुत करें अपना तर्क

कोर्ट ने अभियोजन के द्वारा दी गई मुकदमा वापसी की अर्जी को खारिज करने के उपरांत उभय पक्ष को निर्देशित किया कि वे 11 दिसंबर को अपना-अपना तर्क प्रस्तुत करें, जिससे मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जल्द से जल्द फैसला किया जा सके। नियत तिथि पर अभियुक्त कपिल मुनि करवरिया, सूरजभान करवरिया, उदयभान करवरिया, रामचंद्र कोर्ट में पेश किए जाएं।