कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। जया एकादशी का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु को पुष्प, जल, अक्षत, रोली और सुगंधित पदार्थ अर्पित कर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार जया एकादशी 23 फरवरी दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। दृक पंचांग के मुताबिक एकादशी तिथि 22 फरवरी 2021 को शाम 05:16 बजे से शुरू होगी और फरवरी 23, 2021 को शाम 06:05 बजे समाप्त होगी। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के नाम से पुकारा जाता है।
हर मनोकामना पूरी हाेती
मान्यता है कि इस व्रत को करने वाले की हर मनोकामना पूरी हाेती है। इस व्रत को करने वाला कभी पिशाच की योनि में जन्‍म नहीं लेता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा था कि माघ शुक्ल एकादशी को किसकी पूजा करनी चाहिए और इसका क्या महात्मय है? इस पर श्री कृष्ण ने उत्तर दिया कि इसे जया एकादशी कहते हैं। यह बेहद पुण्यदायी होती है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता है।