- बाहर से कम पार्टी के भीतर से ही आवाज हुई तेज

PATNA : जेडीयू के अंदर सीएम जीतन राम मांझी को नसीहत देने वालों की कमी नहीं। पहले उनके बयानों को लेकर पार्टी के अंदर से क्या-क्या बयान नहीं आए। आर्य वाले बयान पर अनंत सिंह और सुनील पांडेय ने क्या-क्या नहीं कहा। अब जब सीएम मांझी ने साधु यादव के घर दही-चूड़ा खा लिया तो एक बार फिर बाहर से कम उनकी अपनी ही पार्टी के भीतर से आवाज तेज हो गई। सीएम को नसीहत देने वालों में नीतीश कुमार के सबसे करीबी प्रवक्ता नीरज कुमार सबसे आगे रहे। उन्होंने जीतन राम मांझी को ये बताया कि उन्हें साधु यादव के यहां नहीं जाना चाहिए था। प्रवक्ता अजय आलोक ने तो नरेन्द्र सिंह, वृषिण पटेल और नीतीश मिश्रा को बीजेपी जाने की सलाह तक दे डाली। इधर इस पूरे मामले में नीतीश कुमार चुप रहे। सीएम जीतन राम मांझी तो धार्मिक यात्रा पर हैं। उनका भी अब तक कोई बयान नहीं आया है। हां जेडीयू के स्टेट प्रेसीडेंट वशिष्ठ नारायण सिंह ने प्रवक्ताओं को संयम बरतने की सलाह जरूर दी है। लेकिन साथ ही ये भी कहा कि नीतीश कुमार के एजेंडे को आगे बढ़ाएं सीएम। पीएचईडी मिनिस्टर महाचंद्र प्रसाद सिंह ने प्रवक्ताओं को ओछी बयानबाजी न करने की नसीहत दी।

क्या नीतीश और मांझी के बीच बंट गई है जेडीयू

नीतीश और मांझी के पक्ष में जिस तरह से जेडीयू के अंदर से ही बयान आ रहे हैं उससे अब लगने लगा है कि जेडीयू कहीं अंदर ही अंदर नीतीश कुमार और मांझी के बीच बंट तो नहीं गई है! अगर ऐसा न होता तो प्रवक्ता तीन मंत्रियों को पाटी मांगने की हिमाकत कैसे करते।

जीतन राम मांझी को तो सीएम ही नीतीश कुमार ने बनाया है तो फिर टकराव का सवाल ही कहां पैदा होता है। जेडीयू में अभिव्यक्ति की आजादी है। पूरी पार्टी एक है।

- श्याम रजक, फूड मिनिस्टर