-यूथ जेडीयू लीडर उपेन्द्र कुमार विभूति ने पार्टी ऑफिस के पास ब्लेड से गला रेता

-राजगीर के अवधेश सिंह हत्याकांड में उपेन्द्र है आरोपी, बुधवार को हुई थी कुर्की जब्ती

-पत्‍‌नी ने कहा-गए थे सरेंडर करने, विरोधियों ने हत्या करने कोशिश की

PATNA: युवा जेडीयू के लीडर उपेन्द्र कुमार विभूति (45भ्) ने गला रेतकर और हाथ की नस काटकर सुसाइड करने की कोशिश की, पर किसी ने उन्हें ऐसा करते देखा नहीं, बस हॉस्पीटल पहुंचाने वालों ने सिर्फ यही दिखा कि वह चिल्लाते हुए वीरचंद पटेल पथ स्थित पार्टी ऑफिस में घुसे। इसके बाद लोगों ने देखा कि उनके गले और हाथ से खून निकल रहा है। उन्हें गाड़ी में बैठाकर पहले उनके बड़े भाई धर्मराज प्रसाद की मछुआ टोली स्थित मेडिसिन दुकान ले जाया गया, फिर उन्हें कंकड़बाग स्थित निजी नर्सिग होम में एडमिट करवाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना गुरुवार की सुबह करीब साढे़ आठ बजे ही है। कोतवाली थाना एरिया के जेडीयू ऑफिस के पास घटनास्थल से पुलिस ने ब्लेड भी बरामद की है। वहां गिरे खून और अन्य चीजों की जांच के लिए एफएसएल की टीम भी पहुंची थी।

हत्या का था आरोपी

उपेन्द्र नालंदा के राजगीर थाना के छोटी मिलकी गांव का रहने वाला है। राजगीर के ही चकपर निवासी अवधेश सिंह की हत्या में आरोपी है। 26 जुलाई 15 को राजगीर के मलमास मेले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी अवधेश सिंह की। इसमें आफताब आलम, अशोक राय, नारो यादव, विद्या यादव, डॉ अनिल और उपेन्द्र को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में उपेन्द्र फरार था। वह जेडीयू के यूथ विंग का महामंत्री था, साथ ही वह नालंदा, गया और नवादा को यूथ जेडीयू का प्रभारी भी था। 19 अगस्त को ही पुलिस ने उसके घर की कुर्की जब्ती की थी।

1 करोड़ 67 लाख का ठेका

अवधेश सिंह की हत्या के पीछे मलमास मेले के 1 करोड़ 67 लाख के ठेके का मामला था। मेला का ठेका उपेन्द्र और उसके पांच साथियों ने ले लिया था। इसके विवाद में ही चर्चा थी कि अवधेश सिंह की हत्या करवाई गई थी। वहींख् उपेन्द्र का फिल्म प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन का भी बिजनेस था। भोजपुरी फिल्म जान तू जहान तू का प्रोडक्शन भी किया था। गगन अपार्टमेंट में उनका ऑफिस भी है।

Point to be noted

आखिर सुसाइड की कोशिश क्यों?

उपेन्द्र के सुसाइड करने के पीछे कुर्की जब्ती कार्रवाई तो नहीं? हॉस्पीटल में आए उसके एक रिश्तेदार ने बताया कि पुलिस ने गलत किया है। उसके घर की कुर्की 20 सितम्बर को होनी थी। जो इश्तेहार उसके घर पर चिपकाया गया है, उसमें 20 तक की मोहलत थी मगर एक महीने पहले ही ऐसा कर दिया गया। रात में पुलिस ने इश्तेहार चिपकाया और अगले दिन सुबह छह बजे कुर्की जब्ती कर दी गई। यह गलत है। पहले से ही हत्या के आरोप को गलत बताने वाले उपेन्द्र ने इस कार्रवाई के बाद जान देना ही मुनासिब समझा हो।

कहीं खुद को लाचार महसूस कर रहा हो

उपेन्द्र को जेडीयू का अच्छा वर्कर माना जाता रहा है। घटना की जानकारी के बाद उसके इलाके के कई लोग हॉस्पीटल पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि पहले वह नालंदा युवा जेडीयू का अध्यक्ष भी था। अवधेश सिंह भी जेडीयू से जुड़े थे और आज भी उनकी फैमिली के लोग पार्टी से जुड़े हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि सीएम नीतीश कुमार अवधेश के घर जाने वाले हैं। इसे लेकर भी चर्चा थी कि वह खुद को लाचार पा रहा था।

पत्‍‌नी का आरोप, विरोधियों ने किया हमला

उपेन्द्र की पत्‍‌नी सुनीता देवी ने बताया कि बुधवार को नौ बजे उनके पति घर से निकले थे। वह यह बताकर निकले की बिहारशरीफ कोर्ट में सरेंडर करने जा रहे हैं। इसके लिए कंप्रोमाइज की बात अवधेश सिंह के दामाद से हुई है। अवधेश सिंह के बेटे पंकज से भी बात हुई है, लेकिन वे न तो कोर्ट पहुंचे और न घर। इस बीच उनपर हमला की बात सामने आई। हॉस्पीटल में मौजूद सुनीता ने आरोप लगाया कि अवधेश सिंह के बेटे और दामाद जो वकील है उन लोगों ने ही हमला करवाया है। दूसरी ओर, उपेन्द्र के बड़े भाई धर्मराज प्रसाद ने बताया कि युवा जेडीयू के स्टेट प्रेसिडेंट संतोष कुशवाहा अपनी गाड़ी उसे मेरे दुकान मोनी मेडिकल्स पर लाए थे। उसके बाद दो नर्सिग होम गए, पर एडमिट नहीं सका। उसके बाद श्री साई हॉस्पीटल कंकड़बाग लाया गया।

The other side

सवालों में सुसाइड

-कोई भी गला रेतकर हत्या करने आएगा, तो इतना इतना जोर से जरूर मारेगा कि वह दौड़कर भाग न सके। उपेन्द्र खुद ही चिल्लाता हुआ पार्टी ऑफिस पहुंचा।

-जब कोई मारने आए, तो उसके हाथ की नस क्यों काटेगा, बाएं हाथ की नस कटी है। ऐसे में इस बात की आशंका पुख्ता हो गई कि दांए हाथ से ही लोग अपनी बाएं हाथ की नस काटते हैं।

मामला संदिग्ध है। वह हत्या का आरोपी है और कुर्की जब्ती की कार्रवाई हुई थी। आत्महत्या करने की बात भी सामने आ रही है। डीएसपी सदर मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही सबकुछ साफ हो जाएगा।

विकास वैभव, एसएसपी