- जेईई एडवांस में सिटी के स्टूडेंट्स ने दी शानदार परफार्मेस

- विभिन्न वर्गो में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने हासिल की सफलता

ALLAHABAD: आईआईटी और आईएसएम में दाखिले के लिए ख्ब् मई को आयोजित हुई जेईई एडवांस का रिजल्ट थर्सडे को जारी हो गया। एक दिन पहले आईआईटी मुम्बई की ओर से जारी टॉप थ्री रैंकर्स के रिजल्ट के बाद से ही स्टूडेंट्स ओवर ऑल रिजल्ट जारी करने का इंतजार कर रहे थे। थर्सडे की सुबह रिजल्ट जारी होने के बाद स्टूडेंट्स के बीच नेट पर अपना रिजल्ट देखने के लिए होड़ मची रही। सरवर की प्रॉब्लम ने शुरू में स्टूडेंट्स को काफी परेशान किया। लेकिन दोपहर होने तक स्थित सामान्य हो गई। जिसके बाद स्टूडेंट्स ने अपना रिजल्ट देखकर अपनी पोजिशन की जानकारी हासिल की। वहीं बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स अपने कोचिंग संस्थानों में भी पहुंचते रहे। रिजल्ट देखने को लेकर सुबह से ही साइबर कैफे में भी स्टूडेंट्स की भारी भीड़ मौजूद रही।

रिजल्ट देखने के बाद शुरू हुआ बधाइयों का दौर

जेईई एडवांस इस बार भी सिटी के कई बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया। थर्सडे को रिजल्ट जारी होने के बाद सेलेक्ट हुए कंडिडेंट्स को बधाई देने का तांता लगा रहा। सेलेक्ट हुए स्टूडेंट्स को दोस्तों के साथ ही रिश्तेदारों व फैमली मेंबर्स भी उन्हें बधाई देते रहे। इस बार भी शहर से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने विभिन्न वर्गो में दो हजार रैकिंग के अंदर अपनी पोजिशन हासिल की। जेईई एडवांस में सेलेक्ट हुए स्टूडेंट्स के भी मानों सपनों को पंख लग गए।

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अर्पित के आगे हर बाधाएं नतमस्तक

आईआईटी में दाखिला पाना इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले सभी स्टूडेंट्स का सपना होता है। लेकिन ऐसे कम ही स्टूडेंट्स होते हैं, जिनका ये सपना पूरा होता है। शहर के अर्चिल साहू के पिता महेन्द्र कुमार ने अपने बेटे के लिए ये सपना देखा था। जिसे अर्चिल ने पूरा कर दिया। अर्चिल को ये सफलता दूसरे बार में मिली। जेईई एडवांस का रिजल्ट जारी होने के बाद आईनेक्स्ट ने जब अर्चिल से बात करना चाहा तो उनके पिता ने बताया कि वे शहर से बाहर हैं। उनके पिता ने बताया कि हमेशा से उनका सपना था कि उनका बेटा आईआईटी में पढ़े। अर्चिल ने भी अपने पिता के सपनों को अपना लिया और दो साल पहले क्ख्वीं पास होने के बाद से ही इंजीनियरिंग की तैयारी में लग गया। पहले साल अर्चिल को जेईई में कुछ खास रैकिंग नहीं मिली, लेकिन इस बार जेईई में शानदार रैकिंग हासिल करने के बाद जेईई एडवांस में भी ओबीसी कैटेगरी के पीडब्लूडी कैटेगरी में क्फ्वीं रैकिंग हासिल की। महेन्द्र कुमार ने बताया कि अर्चिल सिर्फ कमेस्ट्री के लिए ही कोचिंग करता था। बाकी फिजिक्स व मैथ्स वो स्वयं पढ़ता था। फस्ट क्लास से लेकर क्ख् वीं तक उसने कभी भी कोचिंग या ट्यूशन का सहारा नहीं लिया। वह नियमित रूप से चार से पांच घंटे स्टडी करता था। सेंट जोजफ कालेज से क्ख्वीं करने के बाद से ही उसने तैयारी शुरू कर दी। अर्चिल की मां बबिता साहू हाउस वाइफ है। उन्होंने भी अपने बेटे की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।