इसके बाद ही उन्हें जेईई एडवांस में बैठने का मौका मिलेगा, लेकिन उन कैंडीडेट्स के लिए परेशानी हो जाएगी जो कि स्क्रूटनी या इंप्रूवमेंट के लिए अप्लाई करना चाहते हैं।

क्या है मामला
दो जून को आईआईटी एडवांस का एग्जाम होना है, जिसके लिए सभी कैंडीडेट्स को अपने इंटर के माक्र्स को अपडेट करना होगा। अभी तक माना जा रहा है कि यूपी बोर्ड का रिजल्ट हो या सीबीएसई का रिजल्ट 25 मई तक जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद कंपार्टमेंट या स्क्रूटनी के लिए फॉर्म भरे जाएंगे, जिसका रिजल्ट एक महीने के बाद आएगा। लेकिन जेईई एडवांस का एग्जाम दो जून को हो जाएगा। पर तब तक स्क्रूटनी वगैरह का रिजल्ट जारी नहीं हो पाएगा। ऐसे में ये कैंडीडेट आईआईटी की रेस से अपने आप ही बाहर हो जाएंगे।

हो जाएगी देरी
बता दें कि आईआईटी एग्जाम कंडक्ट करा रही सीबीएसई ने सभी एजुकेशनल बोर्ड से ये रिक्वेस्ट की थी कि इंटर का रिजल्ट जल्दी जारी किया जाए। ताकि स्टूडेंट्स को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। लेकिन उसके बाद भी रिजल्ट जारी करने में देरी की जा रही है। इस देरी के कारण हजारों कैंडीडेट आईआईटी की रेस से आउट हो जाएंगे।

नहीं किया था मूल्यांकन
बता दें कि यूपी बोर्ड का रिजल्ट लेट होने के पीछे का कारण टीचर्स द्वारा मूल्यांकन बहिष्कार करना भी रहा है। पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदेश भर के टीचर्स मूल्यांकन शुरू होने के करीब दस दिन तक तो मूल्यांकन का बहिष्कार करते रहे, जिस कारण अभी तक इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन भी पूरा नहीं हो पाया है। बता दें कि टीचर सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर पारिश्रमिक दिए जाने की मांग कर रहे है।

रह जाएंगे बच्चे
आईआईटी की तैयारी कराने वाले परमवीर सिंघल का कहना है कि बोर्ड को इस हिसाब से पहले ही रिजल्ट जारी करने का प्रोग्राम तय करना चाहिए था। वहीं गुरु द्रोणाचार्य के संचालक विजय अरोड़ा का कहना है कि कई बार ब्रिलियेंट स्टूडेंट एक या दो नंबर से रह जाते हैं। ऐसे में वो रिचेकिंग का सहारा लेते हैं। इससे बाद में उनकी परसेंटेज बढ़ जाती है। पर जब समय ही नहीं होगा तो फिर स्टूडेंट्स क्या कर पाएंगे। निश्चित तौर पर कई अच्छे बच्चे आईआईटी में जाने से रह जाएंगे।

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