रांची (ब्यूरो)। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पांच वषरें के दौरान जनता ने विकास करने वाली सरकार को देखा है, वहीं लूट और घोटाले की सरकार को भी जनता देख चुकी है। एक ओर साफ-सुथरी सरकार देने वाली भाजपा है, और दूसरी तरफ राज्य को घोटालों से बदनाम करने वाले लोग हैं। एक ओर झारखंड को बनाने वाली पार्टी है, दूसरी ओर राज्य निर्माण को टालने वाले। जनता इस बात को जानती है कि कैसे झारखंड निर्माण को वर्ष 1993 में टाल दिया गया था। कहा, पहले माओवाद प्रभावित इलाके में लोग घर से बाहर निकलने से डरते थे, लेकिन अब झारखंड की फिजा बदल रही है। महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए राज्य सरकार ने जो काम किए हैं, वह पूरे देश में अभूतपूर्व है।

महिलाओं के लिए किए काम

उन्होंने एक रुपये की टोकन राशि पर महिलाओं को जमीन और संपत्ति के अधिकार दिलाने की बात कही। यह भी कहा कि राज्य में 30 लाख महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया गया। राज्य के 57 लाख परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिला है, वन उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित होने से आदिवासियों को उनकी उपज का सही दाम मिला है। 1.17 लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिली और एक दिन में 25 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का रिकॉर्ड लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज किया गया। पांच वर्ष पहले तक राज्य में सिर्फ 18 हजार लोगों को वन भूमि का पट्टा मिला था, वहीं पांच वर्ष के दौरान 43 हजार आदिवासियों को वन भूमि का पट्टा दिया गया।

आदिवासियों के हित में कानून वापस लिया

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अधिकारियों ने वन कानून 1927 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली की कि यह आदिवासियों के हित के अनुकूल नहीं है, उन्होंने तत्काल इस ड्रॉफ्ट को वापस लेने का निर्णय लिया। कुटकू डैम का भी जिक्र किया। कहा, इसके निर्माण से पलामू व लातेहार का जल स्तर ऊपर उठेगा।

किस पर क्या बोले जावड़ेकर

- डबल इंजन का फायदा सरकार को महाराष्ट्र और हरियाणा में उतना नहीं मिला : डबल इंजन का लाभ जनता को होता है। झारखंड में आयुष्मान भारत योजना का लाभ 57 लाख परिवारों को मिल रहा है, जबकि पश्चिम बंगाल में लोग इस लाभ से वंचित हैं। वैसे हरियाणा में हमारी सरकार है, महाराष्ट्र में अभी राष्ट्रपति शासन।

- भानु प्रताप शाही और शशि भूषण जैसों के टिकट पर : मैने सरकारों की तुलना की। पांच साल में सरकार पर घोटाले का एक भी आरोप नहीं है।

- आजसू से गठबंधन पर : मै संभावनाओं पर टिप्पणी नहीं करता।

- सरयू राय पर : वहां नामांकन की प्रक्रिया भी अब तक पूरी नहीं हुई है। नाम वापसी के बाद यह सवाल पूछें।

- अल्पसंख्यकों के टिकट पर : मजहब के आधार पर हम भेदभाव नहीं करते। लिस्ट अभी पूरी जारी नहीं हुई है, देखते रहिए।

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