रांची (ब्यूरो)। हत्याकांड के बाद 2009 में हुए विधानसभा चुनाव झामुमो के गढ़ माने जाने वाले तमाड़ में झामुमो के सुप्रीमो और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को हराकर राजा पीटर वहां से जदयू के टिकट पर जीतकर विधायक बने। उन्हें कैबिनेट में मंत्री पद भी मिला। लेकिन रमेश सिंह हत्याकांड की जांच की आंच भी आन पड़ी। राजा पीटर पर पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या में मास्टरमाइंड होने और उनकी हत्या की सुपारी देने का आरोप लगा है।

बदल दी मर्डर मिस्ट्री की पाॅलीटिकल केमिस्ट्री

सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करते हुए इससे संबंधित साक्ष्यों के साथ चार्जशीट भी कर दी है। मर्डर मिस्ट्री ने तमाड़ की पॉलीटिकल केमिस्ट्री बदल दी और वहां से 2014 विधानसभा चुनाव में विकास सिंह मुंडा विधायक बने। लेकिन 2019 ने तमाड़ के पॉलीटिकल केमिस्ट्री को इस कदर उलझा दिया है कि इस बार रांची की इस सीट पर पूरे स्टेट की नजर गड़ गई है। रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड के मुख्य आरोपी और कांड को अंजाम देने वाले कुन्दन पाहन ने भी तमाड़ से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए सोमवार को नॉमिनेशन कर दिया है।

किसके लिए बिछेगा रेड कार्पेट

इस चुनाव में एक तरफ पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा के पुत्र और वर्तमान विधायक विकास मुंडा हैं वहीं दूसरी तरफ पूर्व विधायक और रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड का आरोपी राजा पीटर भी हैं, जो एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं तीसरा समीकरण कुन्दन पाहन का आ गया है, जिसके संबंध में चर्चा है कि राजा पीटर को चुनाव जीतने में कुन्दन पाहन का अहम रोल रहा था। अब तमाड़ की जनता किसके लिए रेड कार्पेट बिछाएगी यह वक्त ही बताएगा।

जेल से रचेगी चुनावी रणनीति

विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या के मामले में दोनों ही प्रत्याशी (राजा पीटर व कुंदन पाहन) जेल में बंद हैं। वे एनआइए कोर्ट में चार्जशीटेड भी हैं। आत्मसमर्पण कर चुके कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को पहले झारखंड पार्टी ने प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में उसे समर्थन नहीं देने की घोषणा की गई। कुन्दन ने सोमवार को निर्दलीय नामिनेशन फाइल कर दिया है।

भाजपा के लिए भी हॉट सीट

नक्सलवाद-उग्रवाद के खात्मे का एलान करने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए भी तमाड़ सीट को हाट माना जा रहा है। तमाड़ को घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में एक गिना जाता है। भाजपा ने रीता देवी मुंडा को वहां से प्रत्याशी घोषित किया है। रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड से जुड़े तीनों पक्षों के बीच की राजनीति भाजपा के लिए भी काफी अहम और रोचक हो गयी है।

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