RANCHI: गुरुवार को रांची समेत 17 सीटों के लिए मतदान होना है। तीसरे चरण का यह चुनाव रूलिंग पार्टी बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा क्रूशियल है। जिन 17 सीटों पर चुनाव हो रहा है, उनमें से 12 पर अभी बीजेपी के सीटिंग एमएलए हैं। हालांकि, 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 7 सीटें मिली थीं। बीतते समय के साथ बीजेपी ने विधायकों को अपने साथ मिलाया और धीरे-धीरे उसके विधायकों की संख्या 12 हो गई। अब बीजेपी के सामने कम से कम 12 सीटें हासिल करने की चुनौती है, क्योंकि इससे कम सीटें जीतने पर पार्टी का मौजूदा सीट बैलेंस गड़बड़ा सकता है।

ऐसे बढ़ी ताकत

पिछले विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने सात सीटें जीती थीं। इनमें कोडरमा से डॉ नीरा यादव, हजारीबाग से मनीष जायसवाल, बेरमो से योगेश्वर महतो, ईचागढ़ से साधु चरण महतो, खिजरी से रामकुमार पाहन, रांची से सीपी सिंह और कांके से जीतू चरण राम ने बीजेपी से जीत दर्ज की थी। चुनाव के बाद झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) से तीन विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली। इनमें बरकट्ठा से जानकी यादव, सिमरिया से गणेश गंझू और हटिया से नवीन जायसवाल शामिल थे। इस प्रकार इस चरण की सीटों में बीजेपी के विधायकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी। अभी चुनाव से एक महीने पहले बरही से कांग्रेस एमएलए मनोज यादव और मांडू से जेएमएम विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इस तरह बीजेपी के पास मौजूदा 17 सीटों में से 12 सीटें हैं। केवल 5 सीटें विपक्षी दलों के पास हैं।

दो का टिकट कटा है

बीजेपी ने इस बार अपने दो सीटिंग एमएलए का टिकट काट दिया है। इनमें जेवीएम से आए सिमरिया के गणेश गंझू और कांके से भाजपा के ही विधायक डॉ जीतू चरण राम शामिल हैं। सिमरिया से भाजपा ने किशुन दास को टिकट दिया है। वहीं कांके से समरी लाल को टिकट मिला है। अन्य सभी सीटों पर भाजपा ने सीटिंग एमएलए पर ही भरोसा जताया है।

दो मंत्रियों की साख दांव पर

तीसरे चरण में दो मंत्री भी चुनाव लड़ रहे हैं। कोडरमा से बीजेपी प्रत्याशी और मौजूदा मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ नीरा यादव मैदान में हैं, तो वहीं रांची से नगर विकास मंत्री सीपी सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इसी सरकार में लोकसभा चुनाव से पहले तक पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री रहे चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी आजसू की टिकट पर रामगढ़ से चुनाव लड़ रही हैं। चंद्रप्रकाश चौधरी लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। इसी वजह से उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस बार चुनाव में भाजपा और आजसू के बीच गठबंधन नहीं हो पाया, इसलिए रामगढ़ में आजसू और भाजपा के साथ ही कांग्रेस बीच त्रिकोणीय संघर्ष चल रहा है।