नई दिल्ली (आईएएनएस)। विधानसभा चुनाव परिणाम से यह तय हो गया है कि झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन को स्पष्ट जीत मिली है। इसके साथ यह भी साफ हो गया है कि हेमंत सोरेन झारखंड के अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं। वह अपने राजनीतिक जीवन में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे। 2019 के विधानसभा चुनाव सोरेन के लिए एक सीधा प्रस्ताव था, जो एक तरह से अपने अस्तित्व और अपनी राजनीतिक पार्टी को बचाने के लिए लड़ रहे थे। वहीं, एग्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा की संभावना का अनुमान लगाया था, सोरेन वोटर्स को झामुमो की ओर आकर्षित करने में कामयाब रहे, खासकर आदिवासी बेल्ट में। कांग्रेस ने चुनाव भर हेमंत को आगे कर रखा था, जिसका सीधा फायदा देखने को मिल गया है।

सोरेन बनेंगे मुख्यमंत्री

कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आर.पी.एन. सिंह ने शुक्रवार को रांची में कहा कि हेमंत सोरेन शुरुआती दौर से ही गठबंधन के लिए मुख्यमंत्री की पहली और अंतिम पसंद थे। मीडिया ने बात करते हुए आर.पी.एन. सिंह ने कहा, 'इसमें तो कोई शक ही नहीं है। हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री होंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ गठबंधन करने से पहले ही हमने उन्हें (सोरेन) आश्वासन दिया है।' बता दें कि कांग्रेस के साथ जुड़ने से झामुमो के पक्ष में अल्पसंख्यक मतों को आगे बढ़ाने में मदद मिली और झारखंड विधानसभा में महागठबंधन को पूरी तरह से फायदा मिला। &

लोगों को किया आकर्षित

झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन के बेटे हेमंत ने इस चुनाव में सफलतापूर्वक लोगों को आकर्षित किया और भाजपा के अभियान को स्थानीय मुद्दों के अपने एजेंडे को दरकिनार नहीं करने दिया। हेमंत के पिता शिबू सोरेन ने भी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में तीन बार काम किया है।