RANCHI: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एबी सिंह की अदालत में कस्टडी में हुई मौत के मामले में आरोपी इंस्पेक्टर हरीश पाठक की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने इस मामले में पीडि़त के परिवार की ओर से हाई कोर्ट में दाखिल याचिकाओं के बारे में जानकारी मांगी है। मामले में अगली सुनवाई चार सितंबर को होगी। हरीश पाठक का नाम चर्चित मामला बकोरिया फर्जी मुठभेड़ कांड में भी आया है।

सुनवाई के दौरान बताया

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इस मामले में मिनहाज अंसारी की मां और भाई ने अलग-अलग याचिका दाखिल कर सरकार से मुआवजे की मांग की है। इस मामले में डीएसपी की ओर से अदालत में जवाब दाखिल कर बताया गया है कि मिनहाज अंसारी की मौत पुलिस की पिटाई की वजह से नहीं हुई है। गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत खराब होने पर पहले जामताड़ा में भर्ती कराया गया। सुधार नहीं होने पर धनबाद और फिर रिम्स में भेजा गया। जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हुई है। ऐसे में नारायणपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी हरीश पाठक को कस्टडी में मौत होने का आरोपी कैसे बनाया जा सकता है? इसके बाद अदालत ने मिनहाज के मां और भाई की ओर से दाखिल याचिका की जानकारी मांगी है।

यह है मामला

दरअसल 2016 में जामताड़ा जिला निवासी मिनहाज अंसारी को एक धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद मिनहाज की मौत हो गई। उनके बाद उनके परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसी मामले में आरोपी तत्कालीन थाना प्रभारी हरीश पाठक की ओर से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई है।