RANCHI: झारखंड का रियल कल्चर अब रील में दिखने वाला है। जी हां, झारखंड आर्ट एंड कल्चर डिपार्टमेंट ने क्0 हिंदी डॉक्युमेंट्री बना कर झारखंड की आदिवासी संस्कृति को विश्व पटल पर दिखाने का फैसला लिया है। इसके लिए विभाग ने फिल्म निर्माण करने वाली एजेंसियों से स्क्रीप्ट के साथ फ्क् मार्च तक आवेदन मंगाए हैं। आवेदन आने के बाद एजेंसियों का चयन होगा और फिल्म निर्माण शुरू हो जाएगी। यह जानकारी विभाग के डायरेक्टर अनिल कुमार सिंह ने दी है।

ख्ब् मिनट की डॉक्युमेंट्री

अनिल कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड के कल्चर और उसके इतिहास को दिखाने के बनाई जा रही एक डॉक्युमेंट्री ख्ब् मिनट की होगी। डॉक्युमेंट्री बनाने के लिए प्रोफेशनल फिल्म मेकर्स से आवेदन मांगे गए हैं। सभी फिल्में हिंदी में बनाई जाएंगी। इसके बाद लोकल भाषाओं में डबिंग भी कराई जाएगी। एक डॉक्युमेंट्री पर फ् लाख भ्ख् हजार रुपए खर्च किए जाने हैं।

लोकल कलाकारों को मौका

निदेशक अनिल सिंह ने बताया कि इस फिल्म निर्माण के दो मकसद हैं। पहला राज्य की धरोहर को डीवीडी में सहेजना है। दूसरा लोकल कलाकारों व फिल्म मेकर्स की प्रतिभा को निखारना। फिल्म बनाने वाली एजेंसियों से जो आवेदन मंगाए गए हैं। उनमें लोकल फिल्म मेकर्स को प्रीफ्रेंस दिया जा रहा है। इसके पीछे का कारण इनमें झारखंड के इतिहास, महापुरुषों की जानकारी होना है, जबकि बाहर के फिल्म मेकर्स से ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है।

क्ख्भ् साल पुराना इतिहास (डू यू नो का लोगो)

झारखंड आर्ट एंड कल्चर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अनिल सिंह ने बताया कि इन छोटी फिल्मों में राज्य की ऐतिहासिक संस्कृति, खनिज संपदा, आदिवासी कल्चर, क्ख्भ् साल पुराना दुमका का हिजला मेला, नागवंशी राजा का किला, टेरा-कोटा सहित राज्य से जुड़ी तमाम पुरानी चीजें लोग टीवी पर देख सकेंगे। झारखंड के कल्चर व उसके इतिहास को एक सिनेमा बनाकर, राज्य और राज्य के बाहर के लोगों को दिखाया जाएगा। इन फिल्मों में लोकल फोक, पेंटिंग, बिरहोर जनजाति का जीवन, धार्मिक स्थल जैसी तमाम चीजें दिखाई जाएंगी।

वर्जन

झारखंड के कल्चर और उसके इतिहास को दिखाने के लिए विभाग द्वारा हिंदी डॉक्युमेंट्री बनवाई जा रही हैं। इनकी लोकल भाषाओं डबिंग भी कराई जाएगी। इसके लिए फिल्म बनाने वाली एजेंसियों से आवेदन मंगाए गए हैं। लोकल फिल्म मेकर्स व कलाकारों को ज्यादा प्रीफरेंस दिया जा रहा है।

-अनिल कुमार सिंह, निदेशक, आर्ट एंड कल्चर डिपार्टमेंट, झारखंड