रांची (ब्यूरो)। विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही रांची जिला प्रशासन ने स्वच्छ, शांतिपूर्ण और भयमुक्त तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए लाइसेंसी हथियार जमा करने का निर्देश दिया था। जिला दंडाधिकारी सह डीसी राय महिमापत रे ने आदेश जारी कर लाइसेंसी हथियार धारकों को 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक अपने हथियार जमा करने का आदेश दिया था। समय सीमा समाप्त होने के बाद भी मात्र 1480 लाइसेंसधारियों ने हथियार जमा कराए हैं। रांची में करीब 3260 लाइसेंसी हथियार धारक हैं।

लोकसभा चुनाव के समय अधिक हथियार थे

लोकसभा चुनाव के दौरान रांची में 3312 लाइसेंसधारी थे। अभी इनकी संख्या 3260 है। 52 हथियारों का लाइसेंस रद्द हो गया है। इनमें से कई हथियारों का लाइसेंस विभिन्न कारणों से रद्द किया गया है। कुछ और हथियार के लाइसेंस भी जल्द रद्द करने की तैयारी चल रही है। लोस चुनाव में 400 से अधिक लोगों ने अपने हथियार जमा नहीं किए थे। उन्हें नोटिस भेजकर कार्रवाई की जा रही है। वहीं, इस बार डीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि लाइसेंस जमा नहीं करने वालों के विरुद्ध शस्त्र अधिनियम-नियमावली के तहत लाइसेंस निलंबित या रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।

कुछ लोगों को मिलेगी छूट

सुरक्षा कारणों से अगर किसी को हथियार रखने की जरूरत होगी तो उन्हें उचित कारण बताते हुए आवेदन करना होगा। इस संबंध में डीसी ने संस्था या लाइसेंसधारी से कहा है कि हथियार रखने की जरूरत हो, तो आवेदन कर सकते हैं। हथियार रखने की छूट पर कोई निर्णय डीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी लेगी। बताते चलें कि लोकसभा चुनाव के दौरान 320 संस्था व लाइसेंसधारी को हथियार रखने की छूट दी गई थी।

थानों में जमा कराने थे हथियार

लाइसेंसी हथियार संबंधित थाने, ओपी या अधिकृत शस्त्र विक्रेताओं के दुकान में जमा करने को कहा गया था। डीसी ने सभी थाना प्रभारियों और ओपी प्रभारी को निर्देश दिया था कि अपने स्तर से लाइसेंसी हथियार धारक को सूचित कर हथियार जमा कराएं। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने हथियार जमा नहीं कराए।

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