जमशेदपुर (ब्यूरो)। शहर में निजी स्कूलों की मनमानी किस कदर हावी है, इसका नमूना तो आए दिन देखने को मिलता ही है, लेकिन सरकार हो या जिला प्रशासन कोई इन स्कूलों पर हाथ नहीं डाल पाता। यही कारण है कि स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी तरह का एक मामला साकची स्थित टैगोर सोसाइटी स्कूल में सामने आया, जहां स्कूल द्वारा आज फाइनल टर्म का रिजल्ट जारी किया गया। इसमें स्कूल ने 83 से ज्यादा बच्चों को फेल कर दिया। इससे भी शर्मनाक बात यह है कि स्कूल द्वारा सभी बच्चों को टीसी भी थमा दिया गया।
रिजल्ट देने बुलाया, टीसी थमाया
हेमंत पाठक ने कहा कि क्लास 5, 6, 7 और 8 के बच्चों को टीसी दे दिया है। कहा गया कि बच्चे अनुशासित नहीं हैं, इसलिए टीसी दिए गए हैं। इतना ही नहीं, 8वीं के बच्चों को रिजल्ट देने के लिए बुलाया गया और टीसी पकड़ाकर आउट कर दिया गया।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
मामले की जानकारी मिलते ही छात्र आजसू नेता हेमंत पाठक के नेतृत्व में जमकर हंगामा हुआ। वहां पहुंचे अभिभावकों ने भी खूब हंगामा किया। उनका कहना था कि वे जैसे-तैसे फीस भरते हैं और स्कूल अपनी गलती बच्चों और अभिभावकों के मत्थे थोप रहा है। हंगामा बढ़ता देख साकची पुलिस ने मोर्चा संभाला।
पहले क्लियर करवाई फीस
टैगोर सोसाइटी स्कूल द्वारा जो रिजल्ट जारी किया गया है, उसके मुताबिक 83 बच्चे फेल हुए हैं, हालांकि यह संख्या 125 से कहीं ज्यादा है, क्योंकि जिन 83 बच्चों की लिस्ट नोटिस बोर्ड पर लगाई गई थी, उनका फीस जमा नहीं था। उस पर साफ लिखा था कि रिपोर्ट कार्ड के लिए इन बच्चों को फीस काउंटर में संपर्क करना होगा। वहां फीस जमा करने के बाद ही बच्चों को रिपोर्ट कार्ड दिया गया।
आरटीई के नियमों की अनदेखी
स्कूल द्वारा जिन बच्चों को फेल किया गया, उनमें क्लास 5, 6, 7, 8 और 9 के स्टूडेंट्स शामिल हैं। खास बात यह है कि राइट टू एजुकेशन प्रावधान के मुताबिक जिन बच्चों का स्कूल में एडमिशन हो गया है, उन्हें प्राइमरी शिक्षा पूरा किए बिना नहीं रोका जा सकता है और न ही निकाला जा सकता है। इसके बावजूद स्कूल द्वारा आरटीई के नियमों की अनदेखी की गई है।
60 परसेंट सिलेबस के साथ दोबारा होगा टेस्ट
इस दौरान स्कूल प्रबंधन द्वारा कहा गया कि बच्चे अनुशासित नहीं थे, इस कारण उन्हें ट्रांसफर सर्टिफिकेट(टीसी) दिया जा रहा है। इसके साथ ही कहा गया कि 8वीं के जो बच्चे फेल हुए हैं, 60 परसेंट सिलेबस के साथ उनकी दोबारा परीक्षा ली जाएगी और इसमें पास होने वालों को प्रोमोट कर दिया जाएगा।

आरटीई के सेक्शन 16 में प्रावधान है कि प्राइमरी शिक्षा पूर्ण किए बिना बच्चे को न निष्कासित किया जाएगा न रोका जाएगा। स्कूल का यह कदम आरटीई की अवमानना है। जहां तक 8वीं के बच्चों का टेस्ट लेने की बात है तो पहले वॉलेंटरी क्लास लेनी होगी, तब परीक्षा लेने की जरूरत है। अगर बच्चे नहीं पढ़ रहे तो स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। स्कूल जिम्मेदारी से भाग रहा है।
-डॉ। उमेश कुमार, अध्यक्ष, जमशेदपुर अभिभावक संघ

कमजोर बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों पर ध्यान देने को कहा गया था। कुछ बच्चे अनुशासनहीन थे। ये पढ़ाई कम बदमाशी ज्यादा करते हैं। इस कारण उन्हें टीसी दिया जा रहा है।
-मधुचंदा मजूमदार, प्राचार्य, टैगोर सोसाइटी स्कूल