सीटिंग एमपी डॉ अजय का रिपोर्ट कार्ड भी अच्छा नहीं
जमशेदपुर के एमपी सह पूर्व आईपीएस डॉ अजय कुमार से क्षेत्र के लोगों को काफी उम्मीदों थी, लेकिन उन्हें उनके क्षेत्र की जनता ने केवल 4.2 माक्र्स ही दिया है, जो एवरेज से काफी नीचे है। अगर स्टेट के 14 एमपी के पायदान पर उनके पोजिशन की बात करें तो उनका स्थान 12वां है।

 

कैसे हुआ सर्वे
एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म) और झारखंड इलेक्शन वॉच द्वारा कंट्री के 25 लाख लोगों से उनकी ओपिनियन कलेक्ट कर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। पार्लियामेंट के 530 एमपी का रिपोर्ट कार्ड बनाया गया है। 25 लाख लोगों से बेटर जॉब अपॉचर्यूनिटी, पŽिलक ट्रांसपोर्ट, बेटर रोड, इलेक्ट्रिसिटी, लॉ एंड ऑर्डर, पुलिसिंग, स्कूल-कॉलेज, हॉस्पिटल, प्राइमरी हेल्थ सर्विंस, इम्प्लॉयमेंट, वीमेन सेफ्टी इन दस मुद्दो पर सवाल पूछे गए जिसके आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई।

 

क्या है ADR
एडीआर स्थापना 1999 में की गई। आईआईएम (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट) अहमदाबाद के ग्रुप ऑफ प्रोफेसर ने मिल कर इस ऑर्गेनाइजेशन की नींव रखी थी। एडीआर ने जनप्रतिनिधियों का जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के मकसद से सुप्रीम कोर्ट में पीआइएल कर सांसदों के क्रिमिनल, फाइनांशियल और एजुकेशनल बैकग्राउंड के मामले के उठाया था। इन्हीं की इनिशिएटिव से इलेक्शन में नोमिनेशन के वक्त इन तीन चीजों के अफिडेफिट (शपथपत्र) को मेंडेटरी किया गया।

हमलोगों ने कंट्री के 530 पार्लियामेंट्री कंस्टीट्एंसी में 25 लाख वोटर्स के ओपिनियन पर यह रिपोर्ट कार्ड तैयार की है। पŽिलक से उन्हें मिलने वाली बेसिक फैसिलिटीज के बारे में पूछा गया इस आधार पर रिपोर्ट कार्ड बनाया गया है। इससे लोगों को अपने जनप्रतिनिधि चुनने में हेल्प मिलेगी
-सुधीर पाल, कन्वेनर

 

Report by: vedprakash.gupta@inext.co.in