जमशेदपुर। पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर के आह्वान पर साकची गोलचक्कर और बाजार क्षेत्र में चीन के विरुद्ध जबर्दस्त आक्रोश देखने को मिला। पूर्व सैनिकों ने हाथों में तिरंगा और चीन विरोधी स्लोगन की तख्तियां लेकर साकची बाजार में दुकानदारों व व्यापारियों को चीनी सामान का बहिष्कार करने की अपील की। इस दौरान भारतीय सेना से सेवानिवृत सैनिकों ने व्यापारियों से सेना और शहीदों के सम्मान में चीन की आर्थिक रीढ़ तोड़ने के लिए उनका सहयोग मांगा। मौके पर साकची गोलचक्कर से बाजार स्थित शिवमंदिर होते हुए साकची शहीद चौक के रास्ते वापस गोलचक्कर तक जनजागरण पद यात्रा किया गया।

चीन विरोधी नारे लगाए

इस दौरान देश भक्ति और चीन के विरोध में नारे लगाए गए। यात्रा का शुभारंभ करते हुए संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष बिमल कुमार ओझा ने कहा कि यह समय देश की सीमा पर जान की बाजी लगाने वाले सैनिकों के साथ खड़े होने का है। देश के प्रधानमंत्री ने जो जज्बा दिखाया है, जिसका हम सबको साथ देना है। संगठन के महामंत्री सूबेदार अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि चीन की विस्तार वादी नीति के विरुद्ध दुनिया को इकट्ठा कर उसका मुंहतोड़ जवाब देने का वक्त है। धन्यवाद ज्ञापन हवलदार संतोष कुमार सिंह ने दिया। कार्यक्रम में अवधेश कुमार, सत्यप्रकाश, संजीव कुमार, भुवनेश्वर पांडे, कमलेश कुमार राय, वेद प्रकाश, संतोष यादव, नरेश स्वांई, मोहन दुबे, दयानंद सिंह, एलबी सिंह समेत 50 से अधिक पूर्व सैनिक यात्रा में शामिल थे।

चीनी उत्पादों के बहिष्कार की घोषणा

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आह्वान पर कई व्यापारिक संगठन जुड़ गए हैं। सभी व्यापारिक संगठनों ने एक स्वर में चीनी उत्पादों और सेवाओं का बहिष्कार करने की घोषणा की है। कैंट ने देश भर में 10 जून से आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत सभी व्यवसासिक संगठनों ने चीनी सामानों के बजाए भारतीय उत्पादों को प्रोत्साहित व उपयोग करने का संकल्प लिया है.कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया का दावा है कि यह मिथक था कि भारत मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर चीन पर बहुत अधिक निर्भर है। लेकिन पिछले छह वर्षों में मेड इन इंडिया उत्पादों के निर्माण में तेजी आई है। 2014-19 में मोबाइल निर्माण में 1100 प्रतिशत और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण में 2016-19 के बीच 3000 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वहीं, विनिर्माण में 200 प्रतिशत, की तेजी आई। 2018 में इन उत्पादों क आयात 78 फीसदी से घटकर 2019-20 में तीन फीसदी रह गया है। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में आईटी हार्डवेयर व कंपोनेंटस, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, फाइबर ऑप्टिक्स, आइओटी उत्पादों के निर्माण में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। भारतीय उत्पाद टिकाऊ भी हैं। यहां कं उत्पादों के इस्तेमाल से भारतीय युवाओं को भी रोजगार मिलेंगे।