छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में शुक्रवार को एक मरीज (33) की मौत होने के बाद उसके स्वजनों ने हंगामा किया। मौके पर बिष्टुपुर थाने की पुलिस पहुंचकर मामले को शांत कराया। गोलमुरी निवासी एक कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के पुत्र को चार दिन पूर्व भर्ती किया गया था। स्वजनों का कहना है कि युवक को सांस लेने में परेशानी होने पर एक निजी डॉक्टर को दिखाया गया तो उन्होंने टीएमएच में ले जाने की सलाह दिया। यहां आने पर पहले कोरोना जांच हुई। रिपोर्ट निगेटिव आई। दूसरे दिन निमोनिया बताया गया।

कोविड वार्ड में शिफ्ट

तीसरे दिन कोरोना पॉजिटिव बताकर मरीज को कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया और चौथे दिन मौत की सूचना मिली। स्वजनों ने कहा कि गुरुवार को मरीज ने अपने भाई से फोन पर भी बात किया। भाई को बताया था कि डॉक्टरों द्वारा हैवी डोज की दवा दी गयी है। बाद में बात करते हैं। उसके बाद उसकी स्थिति लगातार बिगड़ते गई। भाजपा नेता अप्पा राव ने टीएमएच प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच और उचित कार्रवाई करने की मांग किया है। उन्होंने कहा कि एक सामान्य युवक की मौत चार दिन में कैसे हो सकती है। टीएमएच प्रबंधन द्वारा चार दिन में चार तरह की रिपोर्ट बताया गया, जिससे साफ लापरवाही उजागर होती है।

इलाज में नहीं हुई कोई लापरवाही : टीएमएच

टीएमएच प्रबंधन का कहना है कि गोलमुरी के 38 वर्षीय निवासी दो सितंबर को बुखार, खांसी व सांस संबंधी समस्याओं को लेकर टीएमएच में भर्ती हुआ। कोविड 19 जांच में वह पॉजिटिव पाया गया था। ऐसे में उनका उपचार स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय प्रोटोकॉल के तहत ही किया गया, लेकिन शुक्रवार सुबह पौने दस बजे उसकी मौत हो गई। मरीज के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई, लेकिन दुर्भाग्य से हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद हम मरीज को नहीं बचा सके। हम इस कठिन समय में मरीज के परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। टीएमएच अपने सभी मरीजों को अत्यंत सावधान और करुणा के साथ चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।