JAMSHEDPUR: शहर में कोरोना मरीजों के साथ अब मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है रविवार को सोनारी परदेशीपाड़ा में 55 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई। वह कैंसर रोग से भी ग्रस्त थे और उनका इलाज कोलकाता में चल रहा था। एक माह पूर्व वह इलाज कराकर लौटे थे। इसके बाद उनका कोरोना जांच कराई गई तो रिपोर्ट निगेटिव आई थी। दस दिन बाद दोबारा इलाज कराने के लिए उन्हें कोलकाता ले जाया गया था। वहां से जमशेदपुर आने के बाद तीन जुलाई को मरीज की स्थिति बिगड़ने पर उन्हें टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया। इसके बाद दोबारा कोरोना जांच कराने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आया। मृतक के घर के सामने और भी कई लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसे देखते हुए उनके घर के सामने कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। वहीं, बाकी मरीजों का इलाज टीएमएच के कोविड अस्पताल में चल रहा है। शहर में कोरोना से यह तीसरी मौत है। मृतक के घर के सभी लोगों का भी नमूना लेकर कोरोना जांच कराई जाएगी। चार जुलाई को एक ही दिन दो लोगों की मौत कोरोना से हुई थी। सोनारी क्षेत्र में यह दूसरी मौत है। वहीं, तीसरे मरीज के रूप में साकची स्थित स्वर्णरेखा फ्लैट निवासी एक महिला की मौत हुई थी। महिला की भी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी, ना ही किसी के संपर्क में आई थी। पूर्वी सिंहभूम में अभी तक 659 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें 355 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 302 मरीज का इलाज चल रहा है।

बिना हंगामे के हुआ अंतिम संस्कार

सोनारी निवासी कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार रविवार को बिना किसी हंगामे के हो गया। शव को दोपहर करीब तीन बजे भुइयांडीह स्थित स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर लाया गया था। इससे पहले घाट के कर्मचारियों को दोपहर दो बजे ही इसकी सूचना दे दी गई थी, ताकि दूसरा कोई शव वहां नहीं आए। शव के साथ सिटी एसपी सुभाषचंद्र जाट व जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार के साथ चार ट्रक में जिला पुलिस व रैफ के जवान आए थे, लेकिन उनकी जरूरत ही नहीं पड़ी। बस्तीवासियों को इसका पता भी नहीं चला। कुछ लोगों को मालूम भी हुआ, तो वे पिछली कार्रवाई से डरे हुए थे। उसके बाद करीब तीन शव आए थे, लेकिन उन्हें बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट भेज दिया गया। ज्ञात हो कि इससे पहले पांच जुलाई को दो कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार में बस्तीवासियों ने काफी हंगामा किया था।