जमशेदपुर (ब्यूरो)। सभी शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग को रोकने के उद्देश्य से यूजीसी के निर्देशानुसार प्रयास हो रहा है। इस क्रम में आज जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में एंटी रैगिंग सप्ताह की शुरुआत हुई। प्राचार्य डॉ। सत्यप्रिय महालिक ने एंटी रैगिंग सप्ताह की शुरुआत करते हुए कहा कि रैगिंग एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक समस्या है। कुछ व्यक्तियों में इस प्रकार की प्रवृत्ति होती है, जिसमें दूसरों को तकलीफ देकर उन्हें आनंद की प्राप्ति होती है। इसको रोकने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों में एंटी रैगिंग सेल, महाविद्यालय स्तर पर, विश्वविद्यालय स्तर पर, यूजीसी स्तर पर बनाये गए हैं। इन सेल में शिकायत करने पर 24 घंटे में कार्यवाई की जाती है। उन्होंने विद्यार्थियों से भी किसी दूसरे विद्यार्थी को प्रताडि़त न करने का आह्वान किया। उन्होंने इस तरह के घटना की शिकायत एंटी रैंगिंग सेल में करने को कहा। प्राचार्य ने कहा कि इस तरह के मामले में आरोपी को आर्थिक दंड और महाविद्यालय से निष्कासन के साथ ही जेल की सजा भी हो सकती है।
प्रॉक्टर ने रैगिंग के दुष्परिणाम बताए
कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ। एम। खान ने रैगिंग की भयावहता और इसके दुष्परिणामों के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक किया। कॉमर्स विभाग के संकायाध्यक्ष डॉ। वीके मिश्रा ने कहा कि जिन शब्दों का प्रयोग और व्यवहार खुद के लिए नही कर सकते, वह दूसरों के लिए करने से बचना चाहिए। इस कार्यक्रम में प्रो। शाहिना नाज और प्रो। हरेन्द्र पंडित ने भी विद्यार्थियों को रैगिंग से बचने और दूर रहने की सीख दी। कार्यक्रम में एंटी रैगिंग सेल की कॉर्डिनेटर प्रो। सुनीता गुडिय़ा ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रो सुदेष्णा बनर्जी ने सप्ताह भर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का विस्तृत विवरण दिया। समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो कंचन गिरि ने किया।