जमशेदपुर (ब्यूरो): बारह वर्ष पूर्व मानगो थाना के कांड संख्या जीआर 2756/ 2012 के मामले में भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन यादव, विकास सिंह सहित कुल सात लोगों ने न्यायालय में उपस्थित होकर अपने केस को चार्ज करवाया। वर्ष 2012 में भारत बंद के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मानगो शाखा के मुख्य ब्रांच में तोडफ़ोड़ की गई थी। मामले में बैंक के प्रबंधक के द्वारा भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन यादव, विकास सिंह सहित मनोज सिंह, टोनी सिंह, सूरज नारायण, राजेश सिंह एवं सुनील सिंह सहित सैकड़ों लोगों पर 353 का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मानगो थाना से सभी अभियुक्तों को तत्काल जमानत दे दी गई थी, लेकिन जब जमानत का प्रतिवेदन न्यायालय में जमा किया गया तो कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि 353 गैर जमानती धारा है और इसमें थाने से जमानत देने का कोई प्रवधान नहीं है।

गिरफ्तारी का था आदेश

अब 12 वर्षों के बाद न्यायालय ने गुंजन यादव, विकास सिंह सहित सभी आरोपियों के ऊपर गैर जमानतीय धारा का वारंट निर्गत कर गिरफ्तारी का आदेश दिया था। न्यायालय में आरोपियों के अधिवक्ता मनप्रीत सिंह एवं संजीव रंजन बरियार ने सभी लोगों की अग्रिम जमानत कराते हुए केस को चार्ज करवाते हुए आरोपियों पर हुए मुकदमे को झूठा बताया और कहा कि मुकदमे का 12 वर्ष बीत गया है और न्यायालय के द्वारा निर्दोष लोगों को परेशान करने का कोई औचित्य नहीं बनता है। इसलिए मामले ट्रायल करते हुए जांच कर इसकी अविलंब सुनवाई कर मामले को खत्म किया जाए।

पति और सास-ससुर को सजा

अपर जिला व सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सिन्हा के न्यायालय ने खुशबु देवी को दहेज के लिए प्रताडि़त करने और जबरन गर्भपात कराने मामले में दोषी पति राकेश कुमार ङ्क्षसह, सास पुष्पा देवी और ससुर अनिरुद्ध कुमार ङ्क्षसह को 10-10 साल सश्रम कारावास और और 60-60 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। इससे पहले एक जून को न्यायालय ने आरोपितों के दोषी पाने पर सभी को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेजने का आदेश दिया था। इसी मामले में आरोपित मामले में शैलेश कुमार ङ्क्षसह और ज्योति देवी को बरी कर दिया था। मामले में सात लोगों की गवाही हुई थी। पुलिस को खुशबू ने बताया कि उसकी शादी 22 अप्रैल 2016 को राकेश ङ्क्षसह से हुई थी। दहेज में रुपये और जेवर दिए गए थे। बावजूद पांच लाख रुपये की मांग ससुराल पक्ष के लोग करने लगे। मारपीट करने लगे। एक सितंबर 2016 को उसका जबरन गर्भपात करा दिया। विरोध पर पति ने पिटाई की। उसकी तबीयत बिगड़ गई। टाटा मोटर्स अस्पताल में दाखिल होना पड़ा। स्वास्थ्य होने के बाद वह मायके चली गई।