सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना से जुड़ा है मामला

-आरोपी को जेल भेजने की बजाय कर दिया रिहा

छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना के एक मामले में सीजेएम अशोक कुमार की अदालत ने बागबेड़ा पुलिस की शुक्रवार को फटकार लगाई और बागबेड़ा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लाये आरोपी संतोष कुमार चौधरी को जेल भेजने की बजाय रिहा कर दिया। इससे पुलिस की साख पर बट्टा लगा है।

क्या है मामला

जिस मामले में सात वर्ष तक की सजा होती है। उस मामले के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 41,41 (ए) सीआरपीसी के तहत आरोपी को पुलिस द्वारा पहले नोटिस देकर थाना में बुलाना आवश्यक है, जिससे वह अपना पक्ष रख सके। अगर आरोपी पुलिस के अनुसंधान में सहयोग करता है तो उसे पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती। लेकिन बागबेड़ा पुलिस ने आरोपी को बिना नोटिस किये ही गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जिसकी वजह से सीजेएम की कोर्ट ने आरोपी को कोर्ट से रिहा कर दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश की कापी जिले के एसपी कार्यालय सहित थानों को भेजी गई थी। इसके बावजूद पुलिस ने बिना नोटिस के ही आरोपी को गिरफ्तार कर सीजेएम की कोर्ट में पेश किया।

यह था आरोपी पर आरोप

बागबेड़ा गुदड़ी मार्केट निवासी प्रमोद कुमार ने संतोष कुमार चौधरी व राजेश चौधरी के खिलाफ मारपीट कर सोने का चेन छीनने का आरोप लगाते हुए बागबेड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि गुदड़ी मार्केट के समीप छह जून रात 11 बजे प्रमोद, विप्लव व छोटू के साथ बातचीत कर रहा था। तभी आरोपी संतोष व राजेश मौके पर पहुंचे और शराब पीने के लिए प्रमोद से रुपये मांगने लगे। रुपये देने से इंकार करने पर आरोपी ने प्रमोद की पिटाई कर दी और उनके पाकेट से 12 सौ रुपये निकाल लिये।