छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : पूरे राज्य के स्कूलों में बेंच-डेस्क खरीद मामले में नया मोड़ आ गया है। यह मोड़ स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की विज्ञप्ति के कारण हुआ है। इस विज्ञप्ति में राज्य के सरकारी विद्यालयों में बेंच डेस्क की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विद्यालय प्रबंधन समिति को राशि उपलब्ध कराने की बात कही गई है। बेंच-डेस्क क्रय हेतु राज्य स्तर पर एक मॉडल तैयार कर मानक डिजाइन तथा विशिष्टताओं का निर्धारण किया गया है। मानक डिजाइन की इकाई लागत 4000 रुपये तय की गई है।

तय किए गए हैं मानक

राज्य सरकार की परिकल्पना यह है कि 'हर हाथ को काम' मिले। इसी सोच को मूर्त रूप देने हेतु विद्यालय प्रबंधन समिति को स्थानीय कारीगरों के माध्यम से बेंच डेस्क का निर्माण कराने व क्रय करने का निर्देश दिया गया है। इस विज्ञप्ति के कारण अब विभिन्न जिलों के शिक्षा पदाधिकारी परेशान हैं।

सप्लायर्स से हुई है खरीदारी

किसी भी जिले में स्थानीय कारीगरों से बेंच-डेस्क का क्रय नहीं किया गया है बल्कि सप्लायरों से ही स्कूलों ने खरीद की है। इसका कारण यह है कि बेंच-डेस्क में जिस प्लाईवुड की बात की गई है वह एमडीएफ प्लाईवुड है, जो झारखंड में नहीं मिलता है। इसे सप्लायर पश्चिम बंगाल व ओडिशा राज्य से मंगा रहे हैं और फिट कर दे रहे हैं। कई जिलों ने सप्लायरों के माध्यम से ही बेंच-डेस्क खरीद के लक्ष्य को तो प्राप्त कर लिया है लेकिन 'हर हाथ को काम' का सपना पूरा नहीं हो पाया है।