JAMSHEDPUR: रेलवे लोको कॉलोनी वासी बुधवार की सुबह 6:30 बजे से लेकर दिनभर परेशान रहे। दरअसल इस कॉलोनी के एक घर में आंध्र प्रदेश से लॉकडाउन के बीच केआरके राव का परिवार बुधवार की सुबह 6 बजे के करीब पहुंचा। सुबह जब कॉलोनी के लोगों की आंखें खुली तो इस परिवार को अचानक देख आश्चर्यचकित हो गए। लोगों ने इसकी जानकारी परसुडीह थाना को दी। परसुडीह थाना की टीम दो घंटे के बाद पहुंची।

ढाई बजे पहुंची मेडिकल टीम

पुलिसकर्मियों ने बताया कि मेडिकल टीम आयेगी और जांच करेगी। लोगों ने थाना प्रभारी से इस परिवार को क्वारंटीन करने की मांग की। थाना की पुलिस मेडिकल टीम को इसकी सूचना देकर वहां से चली गई। मेडिकल की टीम दिन के करीब 2:30 बजे पहुंची और जांच की। इस दौरान लोग पूरी तरह परेशान रहे। सुबह से कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने कुछ नहीं खाया। उनके मन में बस यही डर सता रहा था कि अगर इनमें से एक भी कोरोना संक्त्रमित निकल गया तो सभी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

लौट गई मेडिकल टीम

मेडिकल टीम द्वारा इस परिवार को महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) जाने की सलाह देकर छोड़ दिया गया। बुधवार की शाम तक इस परिवार को क्वारंटीन नहीं किया गया। इस कारण कॉलोनी में रहनेवाले लोग और आक्त्रोशित हो गए। शाम को क्वारंटीन करने की मांग को लेकर इस परिवार के आवास के सामने कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने जमकर बवाल काटा। लोगों का कहना था कि किसी भी हाल में इन लोगों को क्वारंटीन में भेजा जाना चाहिए। हंगामे की सूचना मिलने के बाद परसुडीह पुलिस लगभग सात बजे लोको कॉलनी पहुंची और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे।

मांग पर अड़े रहे लोग

आक्रोशित लोग पुलिस के सामने बस एक की बात कह रहे थे कि इस परिवार को हर हाल में क्वारंटीन किया जाए। इसी में सभी की भलाई है। इस परिवार की ओर से थाना प्रभारी को पहले क्वारंटीन में रहने का प्रमाण पत्र दिखाया जा रहा था, लेकिन लोग यह मानने को तैयार नहीं थे। लोगों का कहना है कि सबसे बड़ा सवाल तो यह है देशव्यापी लॉकडाउन में आंध्रप्रदेश से यह परिवार शहर कैसे पहुंचा, यह जांच का विषय है। यहां फिर से क्वारंटीन होना चाहिए।