जमशेदपुर (ब्यूरो): स्कूली वाहनों में बच्चों को एक बार फिर से ठूंस-ठूंस कर बैठाया जाने लगा है और इस कारण संक्रमण का खतरा एक बार फिर से मंडराने लगा है। अभी नए वायरस ओमिक्रोन का खतरा मंडरा रहा है। देश में भी इसके संक्रमित मिलने लगे हैं। ऐसे में इस तरह की स्थिति गंभीर परिणाम का संकेत दे रही है। सिटी में सबसे ज्यादा ऑटो चालक मनमानी कर रहे हैं। वे ऑटो में बच्चों के सीटिंग कैपेसिटी के हिसाब से नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा कमाने के लिए ठूंस-ठूंस कर बैठाया जा रहा है। इस कारण बच्चों को भी परेशानी हो रही है, लेकिन किसी को इसकी परवाह नहीं है। कई बार बच्चों को बैठने में भी दिक्कत होती है, लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।

प्रति बच्चे 500 तक की बढ़ोतरी

यहां बता दें कि कोरोना काल के बाद स्कूल खुले तो स्कूली वाहनों ने प्रति बच्चा किराए में 400 से 500 रुपए की बढ़ोतरी कर दी है। इस कारण अभिभावकों पर भी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा वैट कम न किए जाने के कारण लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

खतरा अब भी है बरकरार

स्कूली वाहन चालक बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग से बैठाने के नाम पर किराए में बढ़ोतरी तो कर चुके हैं, लेकिन वाहन में बच्चों को पहले की तरह ही ठूंस-ठूंस कर बैठाया जा रहा है। किसी को भी इसकी परवाह नहीं है। सिटी में कोरोना संक्रमण में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है। अभी ओमिक्रोन का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में

जिला प्रशासन को इस मामले में ध्यान देना चाहिए। अभी कोरोना की की तीसरी लहर आ रही है। ऐसे में बच्चों को ठूंस-ठूंस कर बैठाना गलत है।

-डॉ। उमेश कुमार, जमशेदपुर अभिभावक संघ