ADITYAPUR: एनआईटी के कारण आज हमारी पहचान देश ही नही विदेश स्तर पर बना है। वर्तमान समय में सरकार तकनीकी शिक्षा व शोध पर पूरा ध्यान दे रही है ताकि देश विश्व के मानचित्र में आगे रहे। एनआइटी जमशेदपुर नई शिक्षा नीति की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। ये बातें एनआइटी जमशेदपुर में बुधवार को 130 करोड़ की लागत से बने नवनिर्मित हीरक जयंती व्याख्यान हाल का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कही।

नाम किया है रौशन

एनआइटी जमशेदपुर के गौरवशाली इतिहास को बताते हुए कहा कि एनआइटी जमशेदपुर से निकले छात्रों ने राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्रो में संस्थान का नाम रौशन किया है। उन्होने कहा कि नवनिर्मित व्याख्यान सेंटर एनआइटी जमशेदपुर के लिए मील का पत्थर साबित होगा। 130 करोड़ की लागत से निर्मित यह हीरक जयंती व्याख्यान कंप्लेक्स देश ही नहीं बल्कि एशिया के चु¨नदा संस्थानों जैसा भवन है। संस्थान के रैं¨कग में सुधार की बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कि देश आज तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। उन्होने कहा कि बीच के कालखंड में देश के वैभव ज्ञान विज्ञान के इतिहास को समाप्त करने का प्रयास हुआ था। मंत्री ने बिहार के नालांदा स्थित तक्षशिला विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि उस कालखंड में भारत की साक्षरता दर 97.3 थी। उन्होंने कहा कि भारत कोई सामान्य देश नहीं है बल्कि मानवता-विश्व बंधुत्व वाला देश है। वसुधैव कुटुंबकम व सर्वे भवंतु सुखीना सर्वे भवंतु निरामया हमारा विचार रहा है। ज्योतिष विज्ञान से लेकर गणित में हमने विश्व पटल तक ज्ञान दिया है। कहा कि 21वीं सदी का भारत आत्मनिर्भर भारत बनेगा जिसका रास्ता इन्ही तकनिकी संस्थानों से होकर गुजरेगा। उदघाटन समारोह में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे किसी कारण वश शामिल नहीं हो सके। इस दौरान एनआइटी के निदेशक प्रो। करूणेश कुमार शुक्ल, डा। बीरेन्द्र कुमार, अरूण कुमार चौधरी, निशांत कुमार आदि उपस्थित थे।

पैसा और प्रतिभा दोनो का नुकसान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा किच् हमारे देश के 8 लाख बच्चे बाहर शिक्षा ग्रहण करने चले जाते है। इससे पैसे के साथ-साथ प्रतिभा दोनों का नुकसान हो रहा है। हिन्दुस्तान की धरती पर के संस्थान पुरी तरह से सक्षम है, जरूरत है अनुसंधान और शोध की दिशा में आगे जाने की। इसलिए नई शिक्षा नीति बनायी गयी है जिसकी देश ही नहीं दुनिया में तारीफ हो रही है।

कोविड की चुनौतियों से लड़े

मंत्री ने कहा कि जब देश कोविड के दौर में स्थिर था तो देश की प्रयोगशालाओं में अनुसंधान किया। चाहे सेफ्टी किट बनाना हो या एप बनाकर चुनौती को अवसर में बदलने का काम किया और अब हम दुनिया को मदद कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि भारत में छह करोड़ लघु उद्योग है। इसको देखते हुए राष्ट्रीय तकनीकी बोर्ड का गठन होगा। छात्र बाहर नौकरी करने के बजाये इन कंपनियों में काम कर नई तकनीक देंगे। इससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत शिखर पर जाएगा।

44 सौ छात्रों के बैठने की क्षमता

आधुनिक व्याख्यान कांप्लेक्स में 44 सौ छात्रों के बैठने की क्षमता है। वहीं 160 फैकल्टी इसमें बैठ सकेंगे। इसमें कुल 33 क्लासरूम बनाया गया है, जबकि तीन वर्चुअल क्लास रूम है। जिसमें देश के किसी भी कोने से बैठकर छात्र फैकल्टी की क्लास आनलाइन शामिल हो सकेंगे। उद्घाटन समारोह के दौरान जानकारी देते हुए एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर करुणेश शुक्ला ने बताया कि पूरा कांप्लेक्स वातानुकूलित है, सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं कांप्लेक्स में मौजूद है।