लिट्रेचर सब्जेक्ट ऑप्ट करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या कम हो जाएगी या इंग्लिश को मेन पेपर बनाने से हिंदी मीडियम वालों को परेशानी होगी। 34 साल बाद यूपीएससी द्वारा किए गए इतने बड़े बदलाव पर कैंडीडेट्स के मिक्स रिएक्शन सामने आ रहे हैं।

इंग्लिश मीडियम वालों को पहले भी एडवांटेज था, अब तो और होगा
पहले तक यूपीएससी सिविल सर्विसेज रिटेन एग्जाम में इंग्लिश का पेपर क्वालिफाइंग होता था। हिंदी भाषी स्टेट के कैंडिडेट्स को इंग्लिश को लेकर ज्यादा परेशानी नहीं होती थी। अब ऐसा नहीं रहा। इंग्लिश को रिटेन एग्जाम का मेन पेपर बनाने और उसका माक्र्स मेरिट लिस्ट में इंक्लूड किए जाने के डिसीजन से ये स्टूडेंट्स थोड़े परेशान हैं। हालांकि कैंडिडेट्स का यह भी कहना है कि इंग्लिश मैट्रिक लेवल का ही होगा इसलिए ज्यादा परेशानी नहीं होनी चाहिए पर इंग्लिश मीडियम से सिविल का प्रिपेरेशन करने वाले कैंडिडेट्स के लिए थोड़ा एडवांटेज तो हो ही गया है। सिविल का प्रिपरेशन कर रहे अनुराग कुमार का कहना है कि इंग्लिश मीडियम वालों के लिए रिटेन से लेकर इंटरव्यू तक पहले से ही एडवांटेज था।

यूजी लेवल पर लिट्रेचर सब्जेक्ट की पढ़ाई की है क्या!
ग्रेजुएशन और पीजी किया किसी और सब्जेक्ट से और सिविल सर्विसेज रिटेन एग्जाम के लिए ऑप्ट कर लिया कोई लिट्रेचर सब्जेक्ट। हर साल सिविल सर्विसेज एग्जाम में ऐसा करने वाले कैंडिडेट्स की काफी संख्या होती थी। इसका कारण था कि लिटरेचर का सिलेबस दूसरे सब्जेक्ट के कंपेरिजन में छोटा होता था और उसके प्रिपेरेशन में ज्यादा टाइम नहीं देना होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यूपीएससी ने मेन एग्जाम के पैटर्न में चेंज करते हुए यह क्लियर कर दिया है कि मेन एग्जाम में लिट्रेचर सब्जेक्ट वैसे ही कैंडिडेट्स ऑप्ट कर पाएंगे जिन्होंने यूजी लेवल पर मेन सब्जेक्ट के रूप में उस सब्जेक्ट की पढ़ाई की हो।

एक जैसी पढ़ाई करनी होगी
पहले प्रिलिमिनरी से ऑप्शनल पेपर को हटाना और अब रिटेन एग्जाम से एक ऑप्शनल पेपर को अलविदा करना। इससे साफ हो गया है कि यूपीएससी ने ऑप्शनल पेपर पर निर्भरता कम कर दी है। किसी कैंडिडेट द्वारा गर्व करना कि ऑप्शनल पेपर पर उसकी बहुत पकड़ है, शायद अब इतिहास बन जाए। नए पैटर्न के तहत जीएस पेपर का वेटेज 1000 माक्र्स कर दिया है। यानी अब जीएस पर अच्छी पकड़  सक्सेस होने का चांस बढ़ा देगा वैसे जीएस पेपर के क्वेश्चन सभी के लिए एक जैसे होते हैं इसलिए अब सबके लिए एक इक्वल चांस अवेलेवल कराने की तरफ यह एक कदम हो सकता है।

'इंग्लिश मीडियम के कैंडीडेट्स के लिए तो पहले से ही एडवांटेज था। मार्केट में अवेलेवल मैटेरियल हो या फिर किसी अच्छे राइटर की बुक, इंग्लिश  में ही अवेलेवल हैं.'
- अनुराग कुमार

Report by: amit.choudhary

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