JAMSHEDPUR: जमशेदपुर में सोमवार को पूरे अकीदत के साथ ईद का त्योहार मनाया गया। शहर की मस्जिदों और ईदगाहों में हजारों सर खुदा की इबादत में झुके। धतकीडीह मस्जिद में पेश इमाम मुफ्ती अमीरुल हसन ने ईद की नमाज पढ़ाई। उन्होंने खुतबे में अमन व इंसानियत का पैगाम दिया। कहा कि अभी नाजुक दिन चल रहे हैं। अल्लाह पाक की नाफरमानी करने से वो नाराज हो जाता है और नाफरमानों पर मुसीबत आती है। मौलाना ने कहा कि जो कौम गुनाहों में लग जाती है। अल्लाह पाक उस पर सख्त हाकिम तैनात कर देता है। इसलिए मुसलमानों को चाहिए कि वो अल्लाह की खूब इबादत करें। अल्लाह को राजी करें। ईद के मौके पर गरीबों का भी ख्याल रखना चाहिए। ऐसा करें कि गरीब भी खुशी से ईद मनाएं और उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। उनकी इमदाद करना हमारा फर्ज है। यहां के अलावा जाकिर नगर की शिया जामा मस्जिद मस्जिद-ए-जाफरिया में मौलाना सै। मोहम्मद हसन, धतकीडीह ईदगाह में मुफ्ती मंजर मोहसिन, साकची जामा मस्जिद में मौलाना अतहर गजाली, आमबगान ईदगाह में मौलाना जैनुल आबेदीन, आजादनगर ईदगाह में मौलाना अब्दुल मालिक, मानगो बारी मस्जिद मौलाना अब्दुल जब्बार आदि ने ईद की नमाज पढ़ाई।

हुई ईद की नमाज

शहर में ईद की नमाज सात ईदगाहों में हुई। बर्मामाइंस ईदगाह, टेल्को बारीनगर ईदगाह, जुगसलाई ईदगाह, धतकीडीह ईदगाह, आजादनगर ईदगाह, आमबगान ईदगाह और बागबेड़ा के महवारी शरीफ ईदगाह में ईद की नमाज पढ़ाई गई। टेल्को ईदगाह में मौलाना इरफान, जुगसलाई ईदगाह में कारी मुश्ताक, धतकीडीह ईदगाह में मुफ्ती मंजर मोहसिन, आजादनगर ईदगाह में मौलाना अब्दुल मालिक और आमबगान ईदगाह में मुफ्ती जैनुल आबेदीन ने ईद की नमाज पढ़ाई।

रमजान जैसा गुजारें आम दिन : मो। हसन

मानगो की जाकिर नगर शिया जामा मस्जिद में पेश इमाम मौलाना मोहम्मद हसन ने ईद की नमाज पढ़ाई। उन्होंने खुतबे में कहा कि ईद उनकी है जिन्होंने तीस दिन रोजे रखे। जिन्होंने रोजा नहीं रखा उनके लिए यह अफसोस का दिन है। वह सोचें कि वह अल्लाह के इस महीने में भी अपने खालिक की इबादत से क्यों दूर रहे और आइंदा साल रोजे रखें। यही नहीं, यह ट्रेनिंग का महीना था। इसलिए आम दिनों में भी अल्लाह की इबादत करें और खुद को गलत बातों से बचाएं।

देर रात तक दावत

ईद की नमाज के बाद लोगों का एक-दूसरे के घर जाकर दावतें उड़ाने का सिलसिला देर रात तक चला। लोगों ने सेंवईं व लच्छों का लुत्फ लिया। चिकन व मटन भी खाने की मेज के जीनत बने। दूसरे पहर महिलाएं भी एक-दूसरे के घर गईं और सेवइयां खाईं।

देखते बन रहा था उत्साह

ईद पर नौजवानों ने खूब मौज-मस्ती की। नौजवानों ने जुबिली पार्क समेत अन्य पार्क जाकर सैर-सपाटा किया। आजादनगर ईदगाह मैदान में मेले में बच्चों ने किस्म-किस्म के झूलों का लुत्फ उठाया। ईद के मेले जुगसलाई धतकीडीह आजादनगर आदि जगहों पर भी लगे।