JAMSHEDPUR : देश में बढ़ते प्रदूषण और परांपरागत कारों के हर साल बढ़ते दाम के कारण इलेक्ट्रिकल वाहन अब ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की दशा और दिशा तय करेंगे। यह कहना है टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बिजनेस के प्रेसिडेंट शैलेश चंद्रा का। शुक्रवार बिष्टुपुर स्थित चमरिया गेस्ट हाउस के सामने संवादाता सम्मेलन में उन्होंने यह बात कही। बताते चले कि शैलेश ने केंद्र सरकार के विजन 2030 के तहत देश में सभी ट्रांसपोर्ट वाहनों को सौ फीसदी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को 30 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का संकल्प लिया है। इस विजन के तहत केंद्र सरकार ने फेम-2 (फास्टर एडॉप्शन टू इलेक्ट्रिक व्हीकल) योजना शुरू की है। इसके तहत सरकार ने फेम-1 में 1000 करोड़ रुपये का इंसेटिव कंपनियों को दिया है। वहीं, फेम-2 में केंद्र सरकार ने अनुमानित राशि में दस गुणा की बढ़ोतरी की है। इसमें फास्टर चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने व रिसर्च एंड डेवलपमेंट में 2000 करोड़ रुपये दे रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाने के लिए सरकार ने जीएसटी दर को भी 28 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को 10 हजार कारों के अलावे टाटा मोटर्स ने 12 शहरों सहित कई आइटी व बीपीओ कंपनियों को भी इलेक्ट्रिक कार दे चुके हैं। ऑटोमैटिक इलेक्ट्रिक कार चलाने के बाद कोई भी ड्राइवर परंपरागत कार नहीं चलाना चाहते इसलिए देश में इलेक्ट्रिक कार ही ऑटोमोबाइल कंपनियों का भविष्य है।

घर में भी कर सकते हैं चार्ज

शैलेश का दावा है कि टिगोर ईवी कार को एक बार चार्ज करने पर वह औसतन 140 से 150 किलोमीटर तक चलेगी। 15 किलोवाट वाली लाइन में यह डेढ़ घंटे और घर या ऑफिस में आठ घंटे में चार्ज हो सकता है। देश की कई कंपनियां अब फास्टर चार्जर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश कर रही है। उनका कहना है कि जो व्यक्ति हर दिन 150 किलोमीटर डीजल या पेट्रोल कार से चलते हैं उन्हें इलेक्ट्रिक कार बहुत सस्ती पड़ेगी।

टाटा समूह है नेशन बिल्डर

शैलेश का कहना है कि टाटा समूह नेशन बिल्डर के रूप में काम करता है। टाटा ने सबसे पहले इलेक्ट्रिक कार बनाई। अब टाटा पावर फास्टर चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है। टाटा केमिकल बैटरी की क्षमता को और बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है। वहीं, टाटा टैको ऑटो कम्पोनेंट की दिशा में काम कर रही है।

जमशेदपुर में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में देरी

बकौल शैलेश, वर्तमान में टाटा मोटर्स के सभी इलेक्ट्रिक कार धारवाड़ में बनाए जा रहे हैं। फिलहाल हमारा फोकस कार व पब्लिक ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में है। कॉमर्शियल वाहनों के इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने में देरी है। जब हम उस दिशा में आगे बढ़ेंगे तो जरूर जमशेदपुर में भी फोकस करेंगे।