JAMSHEDPUR: प्रभु यीशु के बलिदान की याद में शुक्रवार को शहर के सभी गिरजाघरों में गुड फ्राइडे मनाया गया। हालांकि इस बार कोरोना की वजह से बाहर गीत-संगीत के सामूहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हुए, लेकिन गिरजाघर व चर्च में प्रार्थना सभा हुई। इस दौरान पुरोहितों ने प्रभु यीशु के क्रूस ढोकर चलने से लेकर क्रूस पर टंगने तक जो घटना हुई, उसे पढ़कर सुनाया।

दिया था उपदेश

फादर डेविड ¨वसेंट ने बताया कि प्रभु यीशु अपनी पीठ पर क्रूस लेकर अपनी माता, सेवक-सेविका व शिष्यों से मिले थे। उन्हें उपदेश दिया था कि मेरी ¨चता मत करो। दूसरों की ¨चता करो, क्योंकि यहीं से जीवन की मुक्ति का मार्ग निकलेगा। प्रतीक के रूप में कहीं-कहीं सांकेतिक रूप से चर्च परिसर में क्रूस यात्रा निकाली गई, जबकि डिमना चौक से घाटशिला जाने वाली सड़क पर स्थित भिलाईपहाड़ी चर्च से करीब पांच किलोमीटर तक क्रूस यात्रा निकाली गई।

पुरोहितों-पादरियों से बाइबिल का पाठ सुना

दोपहर तीन से साढ़े चार बजे तक चली यात्रा के बाद चर्च में मसीही एकत्र हुए और उन्होंने पुरोहितों-पादरियों से बाइबिल का पाठ सुना। इस दौरान मसीही भावुक भी हो गए, लेकिन पुरोहितों ने बताया कि इसके बाद प्रभु यीशु सदा के लिए जीवित हो जाएंगे। उस दिन का इंतजार करते हुए खुशी-खुशी घर जाएं। इसके साथ समाज, देश, दुनिया, शासक, बीमार समेत 10 वर्ग के लोगों-समुदाय के लिए अलग-अलग प्रार्थना की गई।

ग्रहण किया प्रसाद

अंत में प्रसाद ग्रहण करके मसीही चर्च से विदा हुए। गोलमुरी चर्च के फादर एडविन कोल्हो ने बताया कि कोरोना की वजह से चर्च में सिर्फ प्रार्थना सभा हुई। इस दौरान ईसाई समुदाय के लोग मास्क पहनकर व छह फुट की शारीरिक दूरी का पालन करते हुए प्रार्थना में शामिल हुए।