छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा हिताची का ग्रेड रिवीजन होने के बाद ही यहां कंपनी बंद होगी। मदर प्लांट होने के नाते यहां के ग्रेड रिवीजन के आधार पर ही अन्य प्लांटों में उसे लागू किया जाएगा। बता दें कि कंपनी को खड़गपुर स्थानांतरण करने की प्रक्रिया शुरू है। टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष सी। माझी भी समय रहते यहां गे्रड समझौता कराने को प्रयासरत हैं। उनका कहना है कि कर्मचारियों की मांग है कि पहले बेहतर ग्रेड रिवीजन हो उसके बाद ही यहां से कंपनी जाने की बात हो। कर्मचारियों के ग्रेड रिवीजन को लेकर यूनियन तीन माह पूर्व ही प्रबंधन को चार्टर ऑफ डिमांड सौंप चुकी है। दो-तीन दिन के अंदर प्रबंधन के साथ एक बार फिर ग्रेड पर वार्ता होने वाली हैं।

बेसिक में 4000 बढ़ाने की मांग

प्रबंधन को सौंपे गए मांग पत्र में टाटा हिताची कर्मचारियों के बेसिक में 4000 बढ़ोत्तरी की मांग की गई हैं। मांग पत्र में कुल 40 बिंदु शामिल किया गया हैं। जिसमें नौकरी की सुरक्षा के साथ, मेडिकल, क्वार्टर की सुविधा बरकरार रखने ग्रेड की समय - सीमा चार से घटाकर तीन साल करने, बेसिक में 4000 बढ़ोतरी, रात्रि भत्ता बढ़ाना, ओवरटाइम का पैसे देने आदि प्रमुख मांग है।

गए डिवीजन हेड, लाइन प्रमुख करा रहे काम

टाटा हिताची जमशेदपुर प्लांट के सभी डिवीजन हेड बीते एक अप्रैल से खड़गपुर बैठना शुरू कर दिए हैं। सिर्फ लाइन प्रमुख व सुपरवाइजर ही यहां जमे हुए हैं। यहां कार्यालय में बैठकर काम करने वाले सभी अधिकारियों का खड़गपुर स्थानांतरण हो गया हैं। जानकारी के मुताबिक यहां 230 कर्मचारी व 69 सुपरवाइजर व टीएम ग्रेड के अधिकारी कार्यरत हैं।

टाटा हिताची के खड़गपुर संयंत्र में शुरू है बवाल

टाटा हिताची के खड़गपुर संयंत्र में स्थायी नौकरी को लेकर बवाल मचा हुआ हैं। जानकारी के मुताबिक वहां कंपनी को जमीन देने वालों को नौकरी देने की बात थी। उसमें से कुछ को कंपनी में स्थायी नौकरी मिली है जबकि कई भूमि मालिक आज भी वेंडर व ठेकेदार के यहां कार्यरत हैं। इस मुद्दे को लेकर ठेकेदार के अंदर काम करने वाले भूमि मालिकों व कर्मचारियों ने बवाल शुरू कर दिया हैं। कारण कि स्थायी नौकरी व ठेकेदार के कर्मचारी के वेतन में काफी अंतर हैं। हालांकि इस मामले में कोई भी अधिकारिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है।

एसेंबली लाइन के कर्मचारियों ने उठाई आवाज

टाटा हिताची में सबसे पहले एसेंबली लाइन के कर्मचारियों को खड़गपुर भेजने की तैयारी है। इसे लेकर यहां के कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त हैं। उनका कहना है कि जब तक यहां ग्रेड रिवीजन नहीं हो जाता वे खड़गपुर जाने वाले नहीं हैं। कर्मचारियों ने इस मुद्दे को प्रबंधन-यूनियन के सामने गंभीरता से उठाई हैं।