छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : आप जो फील करते हैं, वह आपके लिए सबसे बेहतर है, क्योंकि यह बात आपको कोई नहीं बता सकता कि आपको क्या करना चाहिए। इसके लिए आपको खुद से पूछना होगा कि आपके लिए क्या बेहतर हो सकता है और उसके लिए आपको खुद में क्या चेंजेज लाने होंगे। यह फलसफा है आज के यूथ का। सिटी में एक ऐसा ही ग्रुप 'सवेरा' है, जो यूथ में इसी तरह के इंटरनल चेंज लाने की कोशिशें कर रहा है।

10 साल से काम कर रहा सवेरा

इनिशियेटिव ऑफ चेंज 21 सालों से पूरे व‌र्ल्ड में काम कर रहा है, जबकि सिटी में सवेरा नाम की संस्था पिछले 10 सालों से इनिशियेटिव फॉर चेंज रिजनल यूथ कांफ्रेंस आयोजित करती आ रही है। इसका मकसद यूथ को कुछ अलग करने के लिए प्रेरित करना है, ताकि वे घर के साथ ही सोसायटी की भलाई में भी योगदान दे सकें।

6 लोगों की है कोर टीम

वैसे तो सवेरा-इनिशियेटिव फॉर चेंज की एक बड़ी कमिटी है, लेकिन 6 लोगों की इसकी एक कोर टीम है, जो लगातार यूथ को मेटिवेट करने के साथ ही रिजनल यूथ कांफ्रेंस का आयोजन कर उनके मोटिवेशन में लगी हुई है। इस कोर टीम के रीजनल को-ऑर्डिनेटर हैं राजीव अग्रवाल। इसके अलावा प्रोजेक्ट मैनेजर श्रद्धा अग्रवाल, गुरपाल सिंह, बिप्लब महतो, हेन टिंग के अलावा केएसएमएस के टीचर ललन शर्मा भी इससे जुड़े हुए हैं।

आज का यूथ जाना चाहता है हर डाइरेक्शन में

इस संबंध में इनिशियेटिव फॉर चेंज-लेट्स मेक अ डिफरेंस की प्रोजेक्ट मैनेजर श्रद्धा अग्रवाल ने बताया कि आज का यूथ भटका हुआ है। इसके साथ ही पेरेंट्स, सगे-संबंधियों के साथ ही मीडिया के कारण भी वह एक साथ सभी डायरेक्शन में जाने लगता है। यूथ यह नहीं डिसाइड कर पाता कि वह किस रास्ते पर जाए। कई बार ऐसा भी होता है कि उनका कोई रोल मॉडल तक नहीं होता।

यूथ को जरूरत है 4- वैल्यूज की

इनिशियेटिव ऑफ चेंज के जरिए यूथ के इसी भटकाव को रास्ते पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए उनमें 4 वैल्यूज को डालने या यूं कहें उभारने का प्रयास किया जा रहा है। ये चार वैल्यूज हैं ऑनेस्टी, प्योरिटी, अनसेल्फिशनेस और लव। श्रद्धा अग्रवाल ने कहा कि आज के यूथ में इन्ही 4 वैल्यूज के जरिए चेंज लाने का प्रयास किया जा रहा है।

महीने में एक बार मिलती है यूथ टीम

उन्होंने कहा कि सिटी में भी यूथ कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जो कई मायने में डिफरेंट प्रूव हुआ। इसमें स्कूल व कॉलेज स्टूडेंट्स के साथ ही रूरल यूथ ने भी पार्टिसिपेट किया। उन्होंने कहा कि यह कहना भी मुश्किल है कि आज तक कितने यूथ ने इससे जुड़कर बेनिफिट उठाया, क्योकि इसकी काफी बड़ी तादाद है। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर यूथ टीम महीने में एक बार लिए गए एक्शन के फॉलो अप के लिए मिलती भी है, ताकि बेहतर ढंग से कार्य को संपादित किया जा सके।